सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा प्रदेश में संचालित सभी राजकीय एवं अनुदानित 800 छात्रावासों में राष्ट्रगान गाया अनिवार्य कर दिया गया है। National Anthem in hostels
अब संविधान दिवस यानि 26 जनवरी से प्रातः 7 बजे प्रार्थना सभा कर बच्चों द्वारा राष्ट्रगान प्रतिदिन गाया जायेगा। बच्चों में राष्ट्रभावना पैदा करने के लिए यह कदम उठाया गया है। इस बारे में जानकारी देते हुए विभाग के निदेशक डॉ. समित शर्मा ने बताया कि आवासीय विद्यालयों में राष्ट्रगान गाया जाता है। इस परम्परा को अब छात्रावासों में भी शुरू किया गया है। इससे बच्चों में राष्ट्र के प्रति देशभक्ति का जज़्बा जागृत करने में सहयोग मिलेगा। National Anthem in hostels
प्रदेश में बढ़ती हिंसा की प्रवृति को देखते हुए छात्रावासों में इस तरह की क्रियावंती एक अच्छा कदम कहा जा सकता है। इससे सबसे अच्छा फायदा यह होगा कि कम से कम पढ़ाई के समय से ही बच्चों में देशभक्ति की थोड़ी सी भावना तो पनपाई जा सकेगी। हालांकि इसमें कोई दोराय नहीं है कि जबरदस्ती देशभक्ति की भावन किसी पर भी थोपी नहीं जा सकती और न ही कोई इसे जबरदस्ती अंगीकृत कर सकता है। National Anthem in hostels
इसके बाद भी अगर बार—बार इसे गाया और समझाया जाए तो कुछ भावना तो बच्चों के मन में हमेशा के लिए बसेगी और उनकी यही भावना हिंसा और अपराधिक भावना की तरफ उन्हें जाने से रोकने में सक्षम होगा। National Anthem in hostels
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हालांकि कई लोगों का यह कहना है कि राष्ट्रगान को इस तरह छात्रावास में अनिवार्य करना किसी भी लिहाज से ठीक नहीं है। लेकिन लोगों को यह भी समझना चाहिए कि राष्ट्रगान को इस तरह अनिवार्य किया जाना किसी भी तरह से गलत भी तो नहीं है। अगर इससे फायदा नहीं हो रहा है तो नुकसान भी नहीं है लेकिन कोशिश करने में कोई हर्ज नहीं है। ऐसे में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग का यह कदम काबिलेतारीफ है। National Anthem in hostels
आपको बता दें कि जयपुर नगर निगम ने इसी महीने सबसे पहले एक अनोखी पहल करते हुए विभाग में सुबह राष्ट्रगान और शाम को राष्ट्रगीत गुनगुनाने की शुरूआत की थी। पहले ही दिन से इस फैसले पर अमल भी शुरू हो गया था। उसके बाद कुछ और जगहों पर भी ऐसी शुरूआत की गई थी। अब इंतजार रहेगा कि देशभक्ति जगाने की अगली पहल कौनसा विभाग करता है।