MJSA की कॉपी है मोदी सरकार की अटल भूजल योजना ? वसुंधरा के अभियान ने बदली थी राजस्थान की तकदीर

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जयपुर। प्रदेश में पानी की किल्लत एक बड़ी समस्या है। कुछ जिलो में यह समस्या काफी गंभीर है। इसकी सबसे ज्यादा मार गर्मियों के मौसम में पड़ती है। सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जनवरी 2016 में राजस्थान में ‘मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान’ की शुरुआत की थी। इसका मकसद वर्षा के पानी को बर्बाद होने से बचाना और इसका संरक्षण करना है। इस पानी का इस्तेमाल लोगों की जरूरतें पूरी करने के लिए किया जाता है। मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजन की तरह ही मोदी सरकार अब अटल भूजल योजना पर काम कर रही है।

मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान का सफर
मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान की शुरुआत तीन चरणों में की गई। पहला चरण जनवरी 2016 से जून 2016 तक चलाया गया, जिसमें प्रदेश की 295 पंचायत समितियों के 3 हजार 529 गांवों का चयन किया गया। अभियान के अन्तर्गत चयनित गांवों में पारंपरिक जल संरक्षण के तरीकों जैसे तालाब, कुंड, बावड़ियों, टांके आदि का मरम्मत कार्य एवं नई तकनीक से एनिकट, टांके, मेड़बंदी आदि का निर्माण किया गया है। इन जल संरचनाओं के निकट 26.5 लाख से ज्यादा पौधारोपण भी किया गया है। इन पौधों का अगले 5 सालों तक संरक्षण भी इस अभियान में शामिल है। इसमें भू-संरक्षण, पंचायती राज, मनरेगा, कृषि, उद्यान, वन, जलदाय, जल संसाधन एवं भूजल ग्रहण आदि 9 सरकारी विभागों, सामाजिक-धार्मिक समूहों एवं आमजन की भागीदारी सुनिश्चित की गई है।

कुछ ऐसी रही MJSA की सफलता
एक रिपोर्ट के अनुसार वसुंधरा सरकार के इस अभियान से राजस्थान के भूजल स्तर में करीब 6 से 7 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वहीं राज्य में हैडपंपों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई है। सरकारी आंकड़ों की मानें तो इस अभियान में सरकार को आमजन का भी काफी सहयोग मिला जिसके चलते राजस्थान के उन इलाकों में पानी की पहुंच बढ़ी है, जहां टैंकरों के माध्यम से लोगों को पीने का पानी पहुंचाया जाता था।

अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर शुरु की योजना
मोदी सरकार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन के मौके पर दो महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत की। ये योजनाएं अटल भूजल और अटल टनल नाम से शुरू की जा रही हैं। केंद्र सरकार ने 6000 करोड़ रुपये इसके लिए आवंटित किए हैं। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर के मुताबिक पानी की समस्या से निपटने के लिए अटल भूजल योजना लाई गई है। इस पर 5 साल में 6000 करोड़ रुपये का खर्च होगा। जिसमें से 3000 करोड़ रुपये वर्ल्ड बैंक और 3000 करोड़ रुपये सरकार देगी।

अटल भूजल योजना से ये होगा फायदा
इस योजना का लक्ष्य देश के उन इलाकों में भूजल के स्तर को ऊपर उठाने का है जिन इलाकों में भूजल का स्तर काफी नीचे चला गया है। योजना का उद्देश्य भूजल की मात्रा में इजाफा करना है। साथ ही किसानों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से भी ये योजना केंद्र सरकार की ओर से लाई गई है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार किसानों को खेती के लिए पर्याप्त मात्रा में जल भंडारण सुनिश्चित कराना चाहती है। साथ ही सरकार का कहना है कि इस योजना के जरिए किसानों की आय दोगुनी करने में भी मदद मिलेगी। इससे प्रदेश के किसान, खेत और पशुपालकों व पशुओं की भी मदद हो रही है। इस अभियान के तहत बारिश के पानी की एक-एक बूंद को सहेज कर जल आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाया जा रहा है।

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