सोहराबुद्दीन-तुलसी एनकाउंटर केस: 48 गवाहों में से 32 मुकरे, वकील को मिलेगी सुरक्षा

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    Tulsiram Prajapati Encounter Case

    मुंबई में सीबीआई की स्पेशल सेशन कोर्ट में चल रही सोहराबुद्दीन-तुलसी एनकाउंटर केस की ट्रायल में लगातार नए मोड आ रहे हैं। इस केस में कुल 48 गवाह पेश किए गए हैं जिनमें से अब तक 32 गवाह अपने बयानों से मुकर चुके हैं। गुरुवार को भी कोर्ट में तीन गवाहों के बयान हुए और तीनों ही होस्टाइल हो गए। अब कोर्ट ने 27 फरवरी को तुलसी के वकील सलीम खान के बयान काे लेकर उसे सुरक्षा व्यवस्था देने के आदेश दिए हैं। सेशन कोर्ट ने माइधर हाईकोर्ट में डिस्चार्ज ऑर्डर के खिलाफ चल रही सुनवाई में आईपीएस दिनेश एमएन के वकील ने उनका पक्ष रखा। Tulsiram Prajapati Encounter Case

    सेशन कोर्ट ने विटनेस प्रोटेक्शन के तहत उदयपुर के वकील सलीम खान की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के सीबीआई को आदेश दिए हैं। सलीम खान तुलसी प्रजापति का वकील था। मामले में सलीम खान पहला ऐसा गवाह है, जिसे कोर्ट ने सुरक्षा व्यवस्था में उदयपुर से कोर्ट तक लाने और वापस उदयपुर छोड़ने के आदेश दिए हैं। Tulsiram Prajapati Encounter Case

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    इससे पहले गुरुवार को मुंबई हाईकोर्ट में आईपीएस दिनेश एमएन के वकील ने पक्ष रखा कि मामले में आरोपी बनाए गए दिनेश एमएन को चार्जशीट में मौजूदा साक्ष्यों और गवाह के आधार पर सीआरपीसी की धारा 227, 197 के तहत बरी किया है। याचिकाकर्ता रुबाबुद्दीन के वकील ने पक्ष रखा था कि दिनेश एमएन के निर्देश पर उदयपुर पुलिस टीम ने तुलसी प्रजापति को 26 नवंबर, 2005 को पकड़ा था। तीन दिन अवैध हिरासत में रखकर 29 नवंबर को गिरफ्तारी बताई थी। अवैध हिरासत के तथ्य का खंडन करते हुए दिनेश एमएन के वकील ने कोर्ट में पक्ष रखा कि तुलसी को उदयपुर पुलिस टीम ने मुखबीर की सूचना पर 29 नवंबर को गिरफ्तार किया था और उसे किसी भी प्रकार की कोई अवैध हिरासत में नहीं रखा गया था। Tulsiram Prajapati Encounter Case

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