राजस्थान उपचुनाव में हार के बाद बीजेपी में खुलकर सामने आई फूट! जानिये.. क्या है असली सच?

    0
    1480
    Rajasthan Bypoll

    राजस्थान में हाल ही में जनवरी माह के अंत में दो लोकसभा और एक विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए हैं। अजमेर और अलवर लोकसभा सीट तथा भीलवाड़ा जिले की मांडलगढ़ विधानसभा सीट पर 29 जनवरी को हुए मतदान का परिणाम 1 फरवरी को घोषित किए गए। 2013 के विधानसभा चुनाव में 163 सीटें और 2014 के आम चुनाव यानी लोकसभा चुनाव में सभी 25 सीटों पर जीत दर्ज करने वाली बीजेपी को हालांकि राजस्थान उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ा। दो लोकसभा और एक विधानसभा यानी तीनों सीटों पर बीजेपी सांसद और विधायक काबिज थे। उपचुनाव में हार के बाद बीजेपी में फूट सहित तरह-तरह की बातें की जा रही है, लेकिन इसके पीछे का असली सच क्या है हम आपको यहां बताने जा रहे हैं.. Rajasthan Bypoll

    पार्टी के साथ भीतरघात करने वाले और मंत्री पद के लालची विधायक ही फैला रहे हैं अफवाहें Rajasthan Bypoll

    हालिया उपचुनाव में बीजेपी को मिली हार के ठीक बाद पार्टी के प्रदेश आलाकमान ने हार पर मंथन कर पार्टी हाईकमान को इसके कारणों से अवगत कराया। जिसमें सीएम राजे से नाराज कुछ पा​र्टी नेताओं के भीतरघात और जनता की भावनाओं को सही से नहीं पढ़ पाने वाली बातें मुख्य तौर पर कारण के रूप में शामिल है। दरअसल, इसके बावजूद पार्टी की और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की छवि खराब करने में कुछ पार्टी नेता ही शामिल है। वे इस बात की अफवाहों का बाजार गर्म कर रहे हैं कि पार्टी में आपसी फूट चल रही है। लेकिन ऐसा बि​ल्कुल भी नज़र नहीं आता है। इसका कारण भी साफ-साफ है, वजह यह है कि 2013 में जब बीजेपी सरकार बनी थी तो मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने मंत्रीमंडल में कुछ पद के लालची नेताओं को जगह नहीं दी थी। इसकी टीस इनको ऐसी लगी है कि ये उसके बाद से ही समय-समय पर पार्टी और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ मुंह खोलते रहते हैं और पार्टी की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। Rajasthan Bypoll

    Read More: सोहराबुद्दीन-तुलसी एनकाउंटर केस: 48 गवाहों में से 32 मुकरे, वकील को मिलेगी सुरक्षा

    आगामी चुनाव में जनता जबाव देगी पार्टी में फूट की अफवाह फैलाने वाले नेताओं को

    राजस्थान में अब इसी साल के अंत में कुल 200 सीटों पर 15वीं विधानसभा के लिए चुनाव होने हैं। राजस्थान सहित कई अन्य राज्यों में भी इसी समय विधानसभा चुनाव होने हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि सभी राज्यों के लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ ही करवाए जा सकते हैं। खैर, यह बाद की बात है। लेकिन इतना तो तय है कि बीजेपी और मुख्यमंत्री राजे के खिलाफ अर्नगल बयानबाजी करने वाले पार्टी के ही नेताओं को जनता आने वाले चुनाव में जबाव जरूर दे देगी। राजस्थान की जनता को यह बात तो समझ आ गई होगी कि जो विधायक अपने 5 साल के कार्यकाल में अपने क्षेत्र में अपनी सरकार होते हुए भी विकास नहीं करवा पाये वो फालतू के मुद्दे उछालकर जनता के बीच सिर्फ पॉपुलर होना चाहते हैं। Rajasthan Bypoll

    रामगढ़ विधायक ज्ञान देव आहूजा को मानसिक रोग के इलाज की जरूरत..

    दरअसल, राजस्थान के रामगढ़ से विधायक ज्ञान देव आहूजा का एक ऑडियो क्लिप इन दिनों काफी वायरल हो रहा है जिसमें उन्हें पार्टी की हार के बाद अपने समर्थकों से फोन पर कहते सुना जा सकता है, ‘ये तो होना ही था। मैंने पहले ही कहा था कि राजस्थान उपचुनाव में हमें भारी हार मिलेगी। इसके जवाब में श्रम मंत्री जसवंत सिंह यादव ने कहा, ‘न ही सरकार और न ही उम्मीदवार की हार हुई है। हां, हम जनता की भावनाओं को पढ़ने में फेल रहे। मुझे नहीं पता कि विधायक आहूजा ने क्या कहा है लेकिन एक डॉक्टर के रूप में मैं कह सकता हूं ऐसे व्यक्ति को मानसिक रोग के इलाज की जरूरत है।’ पार्टी नेतृत्व ने अर्नगल बयान के बाद विधायक आहूजा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। Rajasthan Bypoll

    RESPONSES

    Please enter your comment!
    Please enter your name here