त्रिपुरा विधानसभा चुनाव 2018: दोतरफा नहीं.. इस बार त्रिकोणीय है मुकाबला

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    हाल ही में गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए हैं। इन चुनावों में बीजेपी ने पूर्ण बहुमत हासिल करते हुए अपनी सरकार बनाई है। इसके बाद राजस्थान और पश्चिम बंगाल में उपचुनाव हुए हैं। जिसके बाद अब पूर्वोत्तर राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। हालांकि, इसी बीच मध्य प्रदेश में भी दो विधानसभा सीटों पर 24 फरवरी को उपचुनाव भी होने हैं। इन चुनावों के ​बाद उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट पर उपचुनाव होना है। पूर्वोत्तर राज्यों की बात करें तो यहां अब तक कांग्रेस और सीपीएम एवं अन्य छोटी और स्थानीय पार्टियों का चुनावों में दबदबा रहा है। सबसे पहले त्रिपुरा में 18 फरवरी को मतदान होने जा रहे हैं। यहां बीजेपी को अपना 25 साल का बनवास खत्म करना है। बीजेपी की देशभर में चल रही हवाओं के बीच यहां इस बार दोतरफा नहीं, बल्कि ​त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है। आइये जानते हैं इसकी और क्या प्रमुख वजह हैं.. Assembly Election

    बीजेपी ने त्रिपुरा में अपने 25 साल का वनवास खत्म करने के लिए लगा दी है पूरी ताकत

    रविवार को यानी 18 फरवरी को पूर्वोत्तर के राज्य त्रिपुरा में मतदान होने हैं। इस बार के विधानसभा चुनाव में वोटरों को लुभाने के लिए सभी छोटी-बड़ी पार्टियों ने अपना पूरा दमखम दिखाया है। त्रिपुरा में कांग्रेस और लेफ्ट दलों की तो पहले से ही मौजूदगी है, लेकिन बीजेपी के लिए अपने 25 साल यहां सूखे ही रहे हैं। इसी वजह से बीजेपी ने यहां अपना 25 साल का वनवास खत्म करने के लिए इस बार पूरी ताकत झोंक दी है। त्रिपुरा में रविवार को सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक कुल 3214 चुनावी बूथों पर मतदान होगा। वोटिंग को लेकर चुनाव आयोग ने पहले ही सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। त्रिपुरा चुनाव के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। त्रिपुरा चुनाव में विधानसभा की 60 सीटों पर कुल 307 उम्मीदवार मैदान में हैं। सत्तारूढ़ सीपीएम 57 सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि अन्य वामपंथी दल आरएसपी, फॉरवर्ड ब्लॉक और सीपीआई ने एक-एक सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं। सीपीएम के बाद यहां सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस 59 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस ने एक सीट गोमती जिले के काक्राबोन विधानसभा सीट से किसी भी उम्मीदवार को मैदान में नहीं उतारा है। Assembly Election

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    त्रिपुरा चुनाव में इस बार हरसंभव जीत के लिए बीजेपी बनाई है यह ख़ास रणनीति

    शुक्रवार यानी 16 फरवरी त्रिपुरा विधानसभा चुनाव प्रचार का आखिरी दिन था। शुक्रवार को शाम 5 बजे प्रचार का शोर थम गया। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन बीजेपी ने धुआंधार चुनाव प्रचार किया। त्रिपुरा में हुए अब तक के विधानसभा चुनावों की बात करें तो हर बार वाम मोर्चा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला है। लेकिन हाल ही में चुनाव प्रचार के बीच त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने कहा कि 18 फरवरी को होने वाले असेंबली चुनाव में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ सीपीएम और बीजेपी के बीच होने जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने त्रिपुरा में लेफ्ट को मात देने लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, कई केन्द्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्री, वरिष्ठ नेताओं समेत 100 से ज्यादा सांसदों, विधायकों ने यहां लगातार जनसंपर्क किया और अनगिनत रैलियां की हैं। त्रिपुरा में जातिगत आकड़े देखें तो बंगाली हिंदू आबादी में करीब 70 फीसदी नाथ योग संप्रदाय के वोटर हैं। इन्हें लुभाने के लिए यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने यहां दो दिन रोड शो और जनसभाएं की हैं। बता दें, अगरतला में नाथ मंदिर भी है। चुनाव प्रचार के आखिरी दिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी त्रिपुरा के रामकृष्ण कॉलेज स्टेडियम पहुंचे, यहां उन्होंने एक चुनावी सभा को संबोधित किया। Assembly Election

    त्रिपुरा चुनाव में बीजेपी को इस बार मिलेगा आईपीएफटी का साथ Assembly Election

    भारतीय जनता पार्टी ने इस बार त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में जीत के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है। यहां तक की इसके लिए बीजेपी ने क्षेत्रीय दल इंडिजीनियस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के साथ गठबंधन भी किया है। बीजेपी त्रिपुरा विधानसभा की 60 में से 51 सीटों पर और आईपीएफटी 9 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। बता दें, आईपीएफटी काफी समय से अलग आदिवासी बहुल त्रिपुरालैंड राज्य बनाने की मांग करती रही है। बीजेपी ने यहां के लोकल लोगों को लुभाने के लिए चुनाव प्रचार की कमान असम के मंत्री और नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस (नेडा) के संयोजक डॉ. हिमंत बिश्व शर्मा को दी है। इससे पहले डॉ. शर्मा मणिपुर और असम विधानसभा चुनावों में बीजेपी की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर चुके हैं। त्रिपुरा के बाद पूर्वोत्तर राज्य मेघालय और नगालैंड में भी इसी महीने के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं। इन दोनों राज्यों में 27 फरवरी को मतदान होंगे। Assembly Election

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