पुलिस की नौकरी छोड़ टीचर बने 47 युवाओं से ट्रेनिंग खर्च की वसूली नहीं

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पुलिस की नौकरी छोड़ टीचर बने 47 युवाओं से ट्रेनिंग खर्च की वसूली नहीं

पुलिस की नौकरी छोड़ शिक्षक या अन्य सरकारी नौकरी में नियुक्ति पाने वाले 47 युवाओं से गृह विभाग अब ट्रेनिंग पर खर्च होने वाली राशि वसूल नहीं करेगा। अब किसी भी व्यक्ति से ट्रेनिंग राशि वसूल की भी गई है तो उसे लौटा दी जाएगी। गृह विभाग का मानना है कि पुलिस की नौकरी छोड़ कर यह सभी लोग दूसरी सरकारी नौकरी में गए हैं, किसी प्राइवेट जॉब में नहीं। police to teacher training

ऐसे में जब एक विभाग से दूसरे विभाग की नौकरी में गए हैं तो फिर वसूली किया जाना उचित नहीं होगा। इस मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के खिलाफ यह निर्णय दिया था, लेकिन अब राज्य सरकार ने इस मामले में आगे अपील नहीं किए जाने का निर्णय किया है। गृह सचिव की अध्यक्षता वाली समिति के निर्णय पर गृह मंत्री की मंजूरी आना बाकी है। प्रकरण की पत्रावली गृह मंत्री को भिजवा दी गई है। police to teacher training

क्या है पूरा मामला police to teacher training

दरअसल, डूंगरपुर जिले के थाणा निवासी भद्रभाऊ साद ने शिक्षा विभाग में सलेक्शन के बाद पुलिस कांस्टेबल की नौकरी छोड़ दी थी। पुलिस की नौकरी छोड़ने वाले ऐसे ही अन्य 46 लोग भी शामिल थे, जो विभिन्न जिलों से संबंधित थे। पुलिस ने इन सभी से ट्रेनिंग के दौरान खर्च की गई राशि एवं वेतन-भत्तों की वसूली निकाल दी। भद्रभाऊ सहित सभी लोगों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कोर्ट ने युवाओं के पक्ष में गृह विभाग के विपक्ष में फैसला सुनाया।

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इसमें गृह सचिव, डीजीपी, जयपुर पुलिस कमिश्नर, डीसीपी हैड क्वार्टर जयपुर को पार्टी बनाया गया था। इसमें डूंगरपुर, भीलवाड़ा, कोटा ग्रामीण, सीकर, टोंक, उदयपुर, पाली, चूरू, दौसा, जालोर, बूंदी, जयपुर, नागौर एवं करौली एसपी और हाड़ी रानी, नवीं, 12 वीं एवं 13 वीं आरएसी बटालियन के कमांडेंट और एसडीआरएफ के कमांडेंट को कोर्ट में पार्टी बनाया गया था। 47 युवा इन्हीं जिला पुलिस एवं बटालियनों में नौकरी कर रहे थे। police to teacher training

अलग नीति बनाने की तैयारी में सरकार police to teacher training

पिछले कुछ सालों में इस तरह के मामले सामने आने की संख्या बढ़ी है। इससे पहले भी इस तरह के मामले पहले भी सरकार के सामने कोर्ट के जरिए आए हैं। आने वाले दिनों में सरकार इसको लेकर कोई नीति भी बना सकती है। ताकि, इस तरह के मामले कोर्ट से निस्तारित किए जाने के बजाय विभागीय स्तर पर ही तय कर लिए जाए। नए नियमों के अनुसार, अगर कोई भी पुलिस की नौकरी छोड़कर जाएगा तो उससे ट्रेनिंग खर्च के साथ वेतन भत्तों की वसूली की जाएगी। police to teacher training

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