देशभर में किसी राज्य सरकार द्वारा चलाई जाने वाली ऐसी अनूठी एकमात्र योजना है पालनहार Palanhar yojna
राजस्थान में वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली वर्तमान बीजेपी सरकार ने पिछले तीन वर्षों में ऐसी कई योजनाएं चलाई हैं जो प्रदेश के आमजन को लाभ पहुंचाने की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण साबित हुई है। सीएम राजे द्वारा जनहित में चलाई गई इन योजनाओं का लाभ राज्य के ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिला है। राजे सरकार ने इन जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाया जा सके, इसके लिए इन्हें आॅनलाइन सिस्टम से जोड़ा गया है। Palanhar yojna
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साथ ही अधिकांश योजनाओं के आॅनलाइन होने से पारदर्शिता को बढ़ावा देने का भी प्रयास किया गया है। पालनहार योजना, भामाशाह योजना, मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना, राजश्री योजना, पन्नाधाय जीवन अमृत योजना, मुख्यमंत्री नि:शुल्क कोचिंग योजना, प्रोत्साहन योजना, अन्नपूर्णा रसोई योजना, कृषि कल्याण के लिए विभिन्न योजना, भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना जैसी कई योजनाएं हैं जिन्होंने प्रदेश के लोगों का जीवन ही बदल दिया है। आज हम ऐसी ही एक अनूठी योजना के बारे में बात करने जा रहे हैं जिसका नाम है पालनहार योजना। Palanhar yojna
क्या है वसुंधरा सरकार द्वारा चलाई जा रही पालनहार योजना?
मुख्यमंत्री पालनहार योजना वर्तमान वसुंधरा राजे सरकार द्वारा क्रियान्वित की जा रही एक सरकारी योजना है। यह योजना राजस्थान के विभिन्न जिलों में चलाई जा रही है। पालनहार योजना का उद्देश्य अनाथ बच्चों का पालन-पोषण करना, शिक्षा आदि की व्यवस्था संस्थागत नहीं होने पर समाज के भीतर ही बालक-बालिकाओं के निकटतम रिश्तेदार/परिचित व्यक्ति के परिवार में करने के लिए इच्छुक व्यक्ति को पालनहार बनाकर राज्य सरकार की ओर से पारिवारिक माहौल में शिक्षा, भोजन, वस्त्र एवं अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराना है। जिससे उन अनाथ बच्चों का अच्छा से पालन-पोषण किया जा सके।
इसलिए अनूठी है राजस्थान सरकार की पालनहार योजना
वसुंधरा राजे सरकार द्वारा चलाई जा रही पालनहार योजना संपूर्ण भारत वर्ष में सबसे अनूठी योजना है। क्योंकि इस प्रकार किसी राज्य सरकार द्वारा संचालित की जाने वाली यह पहली योजना है। देश के अन्य किसी राज्य में सरकार द्वारा इस तरह की कोई योजना संचालित नहीं है। केवल राजस्थान ही एकमात्र ऐसा राज्य है जहां सरकार द्वारा अनाथ बच्चों के पालन-पोषण, शिक्षा, भोजन सहित अन्य आवश्यक सुविधाएं के लिए योजना क्रियान्वित की जा रही है। हालांकि, देश में विभिन्न संगठनों, एनजीओं द्वारा भी अनाथ बच्चों को इस तरह की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। Palanhar yojna
राजे सरकार की पालनहार योजना के लिए पात्रता एवं देय परिलाभ:
- अनाथ बच्चे
- न्यायिक प्रक्रिया से मृत्यु दण्ड/ आजीवन कारावास प्राप्त माता-पिता की संतान
- निराश्रित पेंशन की पात्र विधवा माता की अधिकतम तीन संताने
- नाता जाने वाली माता की अधिकतम तीन संताने
- पुर्नविवाहित विधवा माता की संतान
- एड्स पीडित माता/पिता की संतान
- कुष्ठ रोग से पीडित माता/पिता की संतान
- विकलांग माता/पिता की संतान
- तलाकशुदा/परित्यक्ता महिला की संतान
पालनहार को मिलने वाला लाभ और योजना की शर्ते
राजस्थान सरकार की इस पालनहार योजना के अंतर्गत ऊपर दी गई पात्रता को पूरा करने वाले अनाथ बच्चों के पालन-पोषण, शिक्षा आदि के लिए पालनहार को सरकार की ओर से अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। लेकिन पालनहार परिवार की वार्षिक आय 1.20 लाख रूपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। अनाथ बच्चों को 2 वर्ष की आयु में आंगनबाड़ी केंद्र तथा 6 वर्ष की आयु में स्कूल भेजना इस योजना की अनिवार्य शर्त है। योजना के अंतर्गत प्रत्येक अनाथ बच्चे हेतु पालनहार परिवार को 5 वर्ष की आयु तक के बच्चे के लिए 500 रूपये प्रतिमाह की दर से तथा स्कूल में प्रवेशित होने के बाद 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने तक 1000 रूपये प्रतिमाह की दर से अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। इन सब के अलावा सरकार द्वारा कपड़े, जूते, स्वेटर एवं अन्य आवश्यक कार्य हेतु 2000 रूपये प्रति वर्ष (विधवा एवं नाता की श्रेणी को छोडकर) प्रति अनाथ बच्चे की दर से वार्षिक अनुदान भी उपलब्ध कराया जाता है। Palanhar yojna
योजना की शुरूआत और महत्वपूर्ण संशोधन
वसुंधरा राजे सरकार द्वारा यह योजना 8 फरवरी, 2005 को शुरू की गई। आरंभ में पालनहार योनजा सिर्फ अनुसूचित जाति के अनाथ बच्चों के लिए संचालित की जा रही थी, बाद में इसमें संशोधन कर विभिन्न श्रेणियों को भी जोड़ा गया।जानकारी के लिए बता दें कि पालनहार परिवार को उक्त अनुदान आवेदन करने पर शहरी क्षेत्र में विभागीय जिला अधिकारी द्वारा एवं ग्रामीण क्षेत्र में संबंधित विकास अधिकारी द्वारा स्वीकृत किया जाता है। Palanhar yojna
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