आज जयपुर शहर का 290वां स्थापना दिवस है। गुलाबी नगर के रूप में मशहूर यह शहर अपने इतिहास और वास्तुकला का एक बेजोड़ संगम लिए हुए है। इस शहर की स्थापना 1727 में महाराजा सवाई जयसिंह द्वितिय ने की थी। तीन ओर अरावली पर्वतमाला से घिरा यह शहर अपने आंचल में खूबसूरती की एक बड़ी और गहरी चादर ओढ़े हुए है। सड़क के किनारे पर बनी गुलाबी रंग की इमारते अपनी सुंदरता का बखान करती हुई नजर आती हैं। लेकिन इसके अलावा भी काफी सारी ऐसी बाते हैं जो इस शहर को दुनिया के बाकी शहरों से अलग करती हैं। कौन सी हैं वह बातें, आइए जानते हैं ऐसे 5 तथ्य जो जयपुर शहर को विश्व के बाकी शहरों से अलग शहर का दर्जा देते हैं। jaipur foundation day 2017
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दुनिया का सबसे नियोजित और व्यवस्थित शहर—जयपुर
जयपुर शहर को दुनिया का सबसे नियोजित और व्यवस्थित शहरों माना जाता है। शहर के संस्थापक सवाई जयसिंह ने इस शहर को बसाने के लिए काफी मेहनत की थी और वास्तुकला व ज्योतिष पर काफी ध्यान दिया था। देश के सबसे प्रतिभाशाली वास्तुकारों में इस शहर के वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य का नाम सम्मान से लिया जाता है। प्रजा को अपना परिवार समझने वाले सवाई जयसिंह ने सुन्दर शहर को इस तरह से बसाया कि यहां पर नागरिकों को मूलभूत आवश्यकताओं के साथ अन्य किसी प्रकार की कमी न हो, सुचारु पेयजल व्यवस्था, बाग-बगीचे, कल कारखाने आदि के साथ वर्षाजल का संरक्षण और निकासी का प्रबंध भी करवाया। यहां तक की अगले कई सौ सालों में शहर की बढ़ती आबादी को देखते हुए शहर की रचना हुई है। जयपुर शहर की पहचान यहां के महलों और पुराने घरों में लगे गुलाबी धौलपुरी पत्थरों से होती है जो यहां के स्थापत्य की खूबी है। जयपुर को भारत का पेरिस भी कहा जाता है। इस शहर के वास्तु के बारे में कहा जाता है कि शहर को सूत से नाप लीजिये, नाप-जोख में एक बाल के बराबर भी फ़र्क नहीं मिलेगा। जयपुर नगरिया को भारत का पेरिस भी कहा जाता है।
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गुलाबी है इस शहर का अंदाज jaipur foundation day 2017
जैसे ही इस शहर की सीमा में प्रवेश होता है, मुख्य सड़कों से जुड़ी इमारतों का गुलाबी रंग सभी को मोहित करने वाला होता है। यह शहर प्रारंभ से ही ‘गुलाबी’ नगर नहीं था बल्कि अन्य सामान्य नगरों की ही तरह था, लेकिन 1876 में जब वेल्स के राजकुमार आए तो महाराजा रामसिंह (द्वितीय) के आदेश से पूरे शहर को गुलाबी रंग से जादुई आकर्षण प्रदान करने की कोशिश की गई थी। उसी के बाद से यह शहर ‘गुलाबी नगरी’ के नाम से प्रसिद्ध हो गया। आज भी जयपुर शहर की सभी सरकारी इमारतों का रंग गुलाबी है। यहां तक की सभी पुल और ब्रिज का रंग और उनपर की गई चित्रकारी भी गुलाबी रंग में लिपटी है।
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सुरक्षा के लिए 8 दरवाजों से है शहर की घेराबंदी
जयपुर दुनिया का पहला ऐसा शहर है जिसकी सुरक्षा व्यवस्था इतनी चाक—चौबंद है। शहर में घुसने के लिए महाराजा जयसिंह ने 7 विशालकाय दरवाजे बनवाए थे। आठवां दरवाजा बाद में बना था जिसे न्यूगेट का नाम दिया गया। शहर में घुसने के लिए यही 8 दरवाजों से होकर निकलना होता है जिन्हें पार करना दुश्मनों के बस में नहीं था। यही वजह है कि रियासती काल में आमेर रियासत को जीतना सभी अन्य रियासतों के लिए एक सपना ही बनकर रह गया। अगर आज 290 साल बाद भी इन सभी 8 दरवाजों को बंद कर दिया जाए तो असली जयपुर में प्रवेश करना किसी के बस की बात नहीं है। jaipur foundation day 2017
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विश्व धरोहरों में शामिल है जयपुर का जंतर मंतर
एक पत्थर की वेधशाला। यह जयसिंह की 5 वेधशालाओं में से सबसे विशाल है। इसके जटिल यंत्र, इसका विन्यास व आकार वैज्ञानिक ढंग से तैयार किया गया है। यह विश्वप्रसिद्ध वेधशाला जिसे २०१२ में यूनेस्को ने विश्व धरोहरों में शामिल किया है, मध्ययुगीन भारत के खगोलविज्ञान की उपलब्धियों का जीवंत नमूना है! इनमें सबसे प्रभावशाली रामयंत्र है जिसका इस्तेमाल ऊंचाई नापने के लिए किया जाता है। jaipur foundation day 2017
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विश्व के 10 सबसे खूबसूरत शहरों में शामिल, मानसरोवर है एशिया की सबसे बड़ी कॉलोनी
जयपुर की रंगत अब बदल रही है। हाल ही में जयपुर को विश्व के दस सबसे खूबसूरत शहरों में शामिल किया गया है। एशिया की सबसे बड़ी आवासीय बस्ती मानसरोवर भी जयपुर का ही हिस्सा है। चमचमाती सडकें, बहुमंजिला शापिंग माल, आधुनिकता को छूती आवासीय कॉलोनियां आदि महानगरों की होड करती दिखती हैं। पुराने जयपुर और नये जयपुर में नई और पुरानी संस्कॄति के दर्शन जैसे इस शहर के विकास और इतिहास दोनों को स्पष्ट करते हैं। जयपुर के व्यंजन अनगिनत हैं और इनका जायका बदस्तूर कायम है। jaipur foundation day 2017