जापान में 20 सेकंड जल्दी ट्रेन चलाने पर रेलवे कंपनी ने मांगी माफी: ईस्ट एशियाई देश जापान को अमेरिका द्वारा गिराए गए 2 विध्वंसकारी परमाणु बमों का सामना करना पड़ा था। द्वितीय विश्व के दौरान जापान के आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण 2 प्रमुख शहर हिरोशिमा और नागासाकी पर अमेरिका ने परमाणु बम गिराए। अमेरिकी वायु सेना द्वारा ये दोनों परमाणु बम 6 और 9 अगस्त, 1945 को गिराए गए थे। जिसके बुरे प्रभाव आज तक भी देखे जा सकते हैं।
जापान में 20 सेकंड जल्दी ट्रेन चलाने पर रेलवे कंपनी ने मांगी माफी
हालांकि ये बात अलग है कि जापान इन सब से जल्दी ही उभर गया। वजह साफ है, सभी जापानी लोगों की कठिन मेहनत और दृढ़निश्चय, कुछ कर गुजरने की इच्छा शक्ति से यह सब हो पाया। इतनी बड़ी घटना झेलने के बाद जिस तरह से जापान उभर पाया वह काबिल-ए-तारीफ है। और आज जापान अपनी टेक्नोलॉजी, कानून व्यवस्था सहित कई अन्य कार्यों के लिए विश्वभर के देशों के लिए एक नायाब उदाहरण बना हुआ है। इस बात का पता हाल ही में जापान में एक ट्रेन के स्टेशन से 20 सेकंड पहले गुजर जाने पर माफी मांगने वाली घटना से चलता है। जी हां, आज हम जापान की हाल में हुई इस घटाने के बारे में बात करने जा रहे हैं:
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क्या है जापान ट्रेन माफी मामला और क्यूं मांगी कंपनी ने माफी?
जापान रेल की दुनियाभर में समय की पांबदी के कारण एक अलग पहचान है। दरअसल, हालिया मामला यह है कि जापान में एक ट्रेन समय का सही अनुपालन नहीं कई पाई, जिसकी वजह से रेलवे कंपनी ने माफी मांगी है। सुकुबा एक्सप्रेस लाइन पर चलने वाली ट्रेन अपने निर्धारित समय 9:44:40 के बजाए 9:44:20 बजे यानि 20 सेकंड पहले रवाना हो गई। इस ट्रेन के 20 सेकंड पहले रवाना होने से ट्रेन प्रबंधन के अधिकारियों को काफी शर्मिंदगी महसूस हुई। जिसके बाद उन्होंने बुधवार को अपनी वेबसाइट पर माफी मांगी ली। सुकुबा एक्सप्रेस कंपनी ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर लिखा, ‘ट्रेन निर्धारित समय से 20 सेकेंड पहले रवाना हुई, जिसके कारण यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा होगा। इस असुविधा के लिए हम यात्रियों से माफी मांगते हैं।’ हालांकि रेलवे कंपनी ने यह भी कहा कि ‘इस मामले में हमें कोई शिकायत नहीं मिली थी और न ही किसी यात्री की ट्रेन छूटी थी।’
स्टेशन पर प्रत्येक चार मिनट में गुजरती है एक ट्रेन
टोक्यो के अकिहाबरा और इबारकी प्रांत के सुकुबा के बीच चलने वाली सुकुबा एक्सप्रेस लाइन पर सुबह हर 4 मिनट में एक ट्रेन गुजरती है। इस सुकुबा एक्सप्रेस लाइन का संचालन टोक्यो-एरिया मेट्रोपॉलिटन इंटरसिटी रेलवे कंपनी करती है। सुकुबा एक्सप्रेस लाइन की शुरूआत 2005 में हुई थी। जापान सबसे तेज गति की ट्रेन चलने के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। सुकुबा एक्सप्रेस लाइन पर जापान की रैपिड सर्विस श्रेणी की रेल सेवा उपलब्ध है।
निर्धारित समय से देरी पर यात्रियों को मिलता है सर्टिफिकेट
जापान में ट्रेन के लेट होने पर उसके ड्राइवर को रेलवे कंपनी को जवाब देना पड़ता है। साथ ही रेल कंपनी भी यात्री को ट्रेन देरी पर सर्टिफिकेट या मैसेज प्रदान करती है। जिससे सर्टिफिकेट को अपने संस्थान, ऑफिस, या स्कूल में देरी से पहुंचने की सही वजह के सबूत के तौर पर दिखाया जा सकता है। रेलवे ही नहीं जापान में लोक परिवहनों, बुलेट ट्रेनों और रेलवे में टाइमिंग का पूरा ख्याल रखा जाता है। रेलवे कंपनी के अधिकारी यात्रियों को किसी प्रकार की कोई असुविधा नहीं हो इसका पूरा ध्यान रखते हैं।
भारत सहित दुनिया के कई देशों को जापान रेलवे से लेनी चाहिए प्रेरणा
हमारे देश में ट्रेने अक्सर ही लेट रहती है। ऐसी यदा-कदा ही होता है जब कोई ट्रेन निर्धारित समय पर स्टेशन पर पहुंचती है। समय में देरी जैसे भारतीय रेलों की आदत सी हो गई है। कई बार तो हमारे देश में ट्रेनें 12 से 24 घंटे तक लेट रहती हैं, लेकिन फिकर करने वाला और मांफी मांगने वाला यहां कोई नहीं है। यात्रियों को भी आदत हो गई है इसलिए वे भी इस व्यवस्था से घुल-मिल गए हैं। हालांकि, वर्तमान नरेन्द्र मोदी सरकार में हुए कुछ रेल हादसों को छोड़ दें तो भारतीय रेलवे हाल के वर्षों में लगातार प्रगृति की ओर अग्रसर है। भारत सहित दुनिया के कई देशों को जापान की इस घटना से प्रेरणा लेनी चाहिए और ट्रेनों का संचालन निर्धारित समय पर हो सके इस पर जोर देना चाहिए, जिससे यात्रियों को परिवहन सेवा का सही लाभ मिल सके।