इतिहास का काला दिन: क्या कहा नेताओं ने इमरजेंसी की सालगिरह पर..

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Black days of history

देश के इतिहास में 42 साल पहले कांग्रेस के राज्य में एक ऐसा दिन आया जिसे अब तक का सबसे काला दिन माना जाता है। इसकी जिम्मेदार और कोई नहीं भू​तपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थी। इलाहाबाद कोर्ट के एक फैसले ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को देश में आपातकाल लगाने पर मजबूर कर दिया था। कोर्ट के इस फैसले को ‘राजनारायण बनाम उत्तर प्रदेश’ नाम से जाना जाता है। इस मुकदमे में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी को चुनावों में धांधली का दोषी पाया था। Black days of history

12 जून, 1975 को न्यायाधीश जगमोहन लाल सिन्हा ने अपने निर्णय में इंदिरा गांधी को रायबरेली से सांसद के रूप में चुनाव को अवैध ठहराया। इसके साथ ही अदालत ने अगले छह साल तक इंदिरा के कोई भी चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी। ऐसी स्थिति में इंदिरा गांधी के पास राज्यसभा में जाने का रास्ता भी नहीं बचा था। अब उनके पास प्रधानमंत्री पद छोड़ने के सिवा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा था। इसी वजह से 25 जून, 1975 की आधी रात को इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल की घोषणा की।

26 जून, 1975 की सुबह इंदिरा गांधी ने राष्ट्र के नाम अपना संदेश जारी करते हुए कहा, ‘आपातकाल जरूरी हो गया था। एक ‘जना’ (जयप्रकाश नारायण) सेना को विद्रोह के लिए भड़का रहा है। इसलिए देश की एकता और अखंडता के लिए यह फैसला जरूरी हो गया था।’ इस फैसले पर भारत के इतिहास और राजनीति के लगभग सभी विद्वान एकमत दिखाई दिए हैं। उनका कहना है कि इंदिरा गांधी के खिलाफ आए इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले ने देश का राजनीतिक इतिहास निर्धारित करने में अहम भूमिका निभाई। Black days of history

कुछ विद्वानों का तो यहां तक कहना है कि यदि कोर्ट का फैसला इंदिरा गांधी के खिलाफ न जाता तो देश में शायद ही कभी आपातकाल लगाने की नौबत आती। इसलिए इस दिन को भारतीय जनता पार्टी यानि भाजपा देश के इतिहास का सबसे काला दिन के रूप में मना रही है। आइये जानते है कि इमरजेंसी की सालगिरह पर नेताओं ने क्या कहा..

कांग्रेस ने सत्ता सुख के मोह में देश को जेल बना डाला: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी Black days of history

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मुंबई दौरे पर आपातकाल के विरोध में भाजपा के काला दिवस कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कोई ये समझने की गलती ना करे कि हम सिर्फ देश में आपातकाल लगाने वाली कांग्रेस सरकार की आलोचना करने के लिए काले दिन का स्मरण करते हैं। हम देश की वर्तमान और भावी पीढ़ी को जागरूक करना चाहते हैं, लोकतंत्र के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को सजग रखने के लिए इसको याद करते हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि देश ने कभी सोचा तक नहीं था कि सत्ता सुख के मोह में और परिवार भक्ति के पागलपन में, लोकतंत्र और संविधान की बड़ी-बड़ी बातें करने वाले लोग हिंदुस्तान को जेलखाना बना देंगे। उन्होंने कहा कि इतिहास के स्वर्णिम पन्नों पर ये जो काला धब्बा लगा है उसके माध्यम से इस पाप को करने वाली कांग्रेस पार्टी और उस वक्त की सरकार की आलोचना करने के लिए हम काला दिन नहीं मनाते हैं। Black days of history

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प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान का कैसे दुरुपयोग किया जा सकता है। संविधान का एक परिवार के लिए किस प्रकार से हथकंडे के रूप में उपयोग किया जाता है, शायद ही आपातकाल जैसा कोई उदाहरण कहीं मिल सकता है। आपातकाल के समय न्यायपालिका को भयभीत कर दिया था, जो लोकतंत्र के प्रति समर्पित थे उनको मुसीबत झेलने के लिए मजबूर कर दिया गया था और जो लोग एक परिवार के पक्ष में थे उनकी पांचों उंगलियां घी में थी। Black days of history

पीएम मोदी ने इमरजेंसी के दौरान सिंगर किशोर कुमार का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय किशोर को कांग्रेस ने एक परफॉरमेंस करने के लिए के लिए कहा था लेकिन उन्होंने मना कर दिया था। उनके इस गुनाह की ऐसी सजा मिल की उसके बाद टीवी और रेडियो से उनकी छुट्टी कर दी गई। साथ ही किशोर कुमार की फिल्म ‘आंधी’ पर भी रोक लगा दी गई थी।

राजनीतिक स्वार्थ के लिये देश के लोकतंत्र की हत्या कर दी गयी: अमित शाह Black days of history

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि असंख्य लोगों को बिना वजह कालकोठरी में डाल दिया गया, देश की जनता ने 21 महीनों तक अनेकों कष्ठ और यातनायें सही। ऐसे आपातकाल में लोकतंत्र को पुनर्स्थापित करने में अपना सर्वस्व अर्पण करने वाले सभी देशवासियों को कोटि-कोटि वंदन। Black days of history

उन्होंने कहा कि 1975 में कांग्रेस द्वारा मात्र सत्ता में बने रहने के अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिये देश के लोकतंत्र की हत्या कर दी गयी थी। देश की संसद को निष्क्रय बना कर उच्चतम न्यायालय को मूकदर्शक की हैसियत में तब्दील कर दिया गया और अखबारों की जुबान पर ताले जड़ दिए गए थे।

केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तुलना हिटलर से की और कहा कि दोनों ने लोकतंत्र को तानाशाही में बदलने के लिए संविधान का इस्तेमाल किया था। इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाया था।

आपातकाल की 43वीं बरसी पर जेटली ने यह भी कहा कि जर्मन तानाशाह की तरह गांधी भी भारत को एक वंशवादी लोकतंत्र में बदलने के लिए आगे बढ़ी थीं। उन्होंने कहा, ‘हिटलर और गांधी दोनों ने कभी भी संविधान को रद्द नहीं किया। उन्होंने लोकतंत्र को तानाशाही में बदलने के लिए एक गणतंत्र के संविधान का उपयोग किया।’

केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, स्कूल-कॉलेजों में पढ़ाया जाएगा ‘आपातकाल’

कांग्रेस पर आपातकाल को लेकर हमला बोलते हुए केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि आपातकाल लोकतंत्र पर काला धब्बा है। एक व्यक्ति की सत्ता लोलुपता के कारण देश में आपातकाल लागू किया गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जब जब सत्ता में आती है तो मंहगाई बढ़ती है। केन्द्रीय मंत्री जावड़ेकर ने जयपुर में तोतुका सभा भवन में आयोजित एक सगोष्ठी में कहा कि ब्रिटिशों को भगाने जैसा संघर्ष आपातकाल के दौरान रहा। जावड़ेकर ने ऐलान किया कि आपातकाल को पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाएगा और स्कूल कांलेज में पढ़ाया जाएगा ताकि युवा पीढ़ी को पता लग सके।

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