जयपुर। राजस्थान बीजेपी के सबसे वरिष्ठ विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल के लेटर बम से पार्टी हिली हुई है। यह लेटर बम इस वक्त क्यों फेंका गया है, इसके क्या सियासी मायने हैं। यह बम फेंका तो विपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया पर गया था लेकिन निशाने पर बीजेपी का पूरा प्रदेश नेतृत्व है। मेघवाल पिछले लंबे समय से वसुंधरा राजे के सबसे करीबी नेताओं में गिने जाते हैं।
एक तीर से कई निशाने
मेघवाल ने अपने पत्र में प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को लिखा जिसमें कटारिया के खिलाफ विधायक दल की बैठक में निंदा प्रस्ताव लाने का जिक्र है। इस पत्र में भी दो निशाने हैं। पहला कटारिया पर और दूसरा राजस्थान में पार्टी की अगुवाई कर रहे सतीश पूनिया, राजेंद्र राठौड़ और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत पर। इसमें दो बातें अहम हैं। एक तो अकेले कटारिया को मेघवाल ने सीधे निशाने पर क्यों लिया? क्या सिर्फ मेघवाल की कटारिया के साथ दशकों से चली आ रही राजनीतिक प्रतिस्पर्धा है या वजह कुछ और भी है।
निजी फायदे के लिए पार्टी को नुकसान
मेघवाल ने आरोप लगाया कि कटारिया अपने व्यक्तिगत फायदे के लिए पार्टी को हराने का काम कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि कटारिया ने मेवाड़ में खुद के अलावा किसी जनाधार वाल नेता को आगे नहीं बढ़ने दिया। इससे पार्टी को नुकसान हुआ। कटारिया अपने मतलब के लिए किसी के साथ भी दगा कर सकते हैं।