जयपुर। राजस्थान में राज्यसभा चुनाव से पहले बीजेपी और कांग्रेस पार्टी में घमासान मचा हुआ है। प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए अशोक गहलोत के आचरण को इमरजेंसी के दौर का बताया है। राजे बीजेपी की बाड़ेबंदी में चल रहे अभ्यास वर्ग में ‘आपातकाल व लोकतंत्र बहाली में हमारी भूमिका’ विषय पर अपनी राय रखीं। वसुंधरा राजे ने कहा कि आपातकाल के दौरान जब लोग डरे हुए थे, विरोध हो रहा था, वह कम हो जाएगा। यह इंदिरा गांधी ने सोचा कि मैं जितना दबाउंगी उतना व्यक्ति और डरेगा, और मैं धीरे धीरे उसे खत्म करवाकर चुनाव करवाकर जीतकर आ जाएंगी। इससे विरोध और ज्यादा बढ़ता गया। राजे ने कहा कि जब भी कोई किसी को दबाने की कोशिश करता है तो आगे चलकर विरोध तो बढ़ना ही है, यह स्वाभाविक है। तो विरोध बढ़ा औ इंदिरा गांधी को 18 जनवरी 1977 को चुनाव करवाने की घोषणा करनी पड़ी।
आपातकाल में भेष बदलकर जेल जाया करते थे मोदी
वसुंधरा राजे ने कहा- आपातकाल के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भेष बदलकर जेल जाया करते थे और जेल में हमारे नेताओं के पास महत्वपूर्ण जानकारियां पहुंचाते थे। हमारे जिन नेताओं के पीछे पुलिस लगी हुई थी,वे उन्हें स्कूटर से एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाते थे।
2023 में फिर बीजेपी की सरकार बनेगी, लोकतंत्र सेनानियों की शुरू होगी पेंशन
बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने कहा कि पहली बार मुख्यमंत्री बनी तब हमारी सरकार ने मीसा और डीआईआर के तहत जेल गए सभी लोगों की पेंशन चालू की। इसके बाद 2008 में अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बने तो इस योजना को बंद कर दिया। उसके बाद 2013 में जब वापस हमारी सरकार आई तो हमने फिर से मीसाबंदियों और डीआईआर के तहत जेल जाने वाली पेंशन चालू की। 2018 में अशोक गहलोत फिर मीसा बंदियों की पेंशन बंद कर दी। राजे ने कहा कि 2023 में फिर भाजपा सरकार बनेगी और लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान, पेंशन फिर से चालू करेगी।