सरदार वल्लभ भाई पटेल के 5 कथन जो आज भी मान्य हैं …

    0
    697
    सरदार वल्लभ भाई पटेल
    सरदार वल्लभ भाई पटेल

    लौह पुरूष व भारत का मिस्मार्क जैसी उपाधियों से याद किए जाने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल की आज जयंती है। आजादी के बाद देश करीब 562 छोटी—बड़ी रियासतों में बंटा हुआ था जिसे एक करने की मुश्किल बीड़ा सरदार पटेल को दिया गया था और उन्होंने इस असंभव से दिखने वाले काम को भी बड़ी सहजता व कुशलता के साथ पूरा ​किया। बारडोली सत्याग्रह का नेतृत्व कर रहे पटेल को सत्याग्रह की सफलता पर वहां की महिलाओं ने सरदार की उपाधि प्रदान की। सरदार पटेल आजाद भारत के पहले गृहमंत्री और उप—प्रधानमंत्री बने। मरणोपरान्त 1991 में उन्हें भारत रत्न से नवाजा गया था।

    वैसे तो एक स्वतंत्रता सेनानी और महान भारत निर्माता के तौर उनका योगदान अविश्वसनीय है। लेकिन उनके कुछ ऐसे कथन भी हैं जो लोगों के दिलों में आज भी ताजा हैं। आइए जानते हैं उनके 5 कभी न भुलने वाले कथ्यों को ….

    1. जब वक्त कठिन दौर से गुजर रहा होता है तो कायर बहाना ढूढ़ते है जबकि बहादुर साहसी व्यक्ति उसका रास्ता खोजते है: सरदार वल्लभ भाई पटेल के इस कथन का अर्थ है कि जब भी आपका खराब दौर आता है तो कायर व आलसी व्यक्ति केवल भगवान के सहारे अपने भाग्य को छोड़ देते हैं और उस स्थिति से कभी नहीं उबर पाते। दूसरी ओर, संघर्षशील और साहसी व्यक्ति कभी हार नहीं मानते और उस स्थिति से बाहर निकल कर ही दम लेते हैं।
    2. हमारे देश की मिट्टी में कुछ अनूठा है तभी तो कठिन बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास स्थान रहा है: उनका कहना है कि भारत एक महान देश है जहां अनेकों भगवान व पवित्र आत्माओं ने जन्म लिया है। यहां भूख है, गरीबी है, अशिक्षाा है लेकिन यहां की मिट्टी में अपनापन और पवित्रता है। यही वजह है लोग इस मिट्टी से प्यार करते हैं। कितनी भी परेशानी व तकलीफें हों, इस धरती से नाता नहीं तोड़ते हैं।
    3. हमे यह भूल जाना चाहिए कि हम सिख है, जाट है या राजपूत है। हमें तो बस इतना ध्यान रखना चाहिए कि हम सबसे पहले भारतीय है जिसके पास इस देश के प्रति अधिकार और कर्तव्य दोनों है: देश की एकता और अखंड़ता को बनाए रखने की सीख देते हुए सरदार वल्लभ भाई पटेल ने कहा है कि हर भारतीय के पास देश और संविधान के दिए हुए मौलिक अधिकार और कर्तव्य दोनों हैं। इसलिए जात—पात और आपसी झगड़ा भूल केवल देश की एकता के बारे में ही सोचना चाहिए। इसी तरह सच्चे मायनों में भारतीय बन सकते हैं।
    4. यह सत्य है कि पानी में जो लोग तैरना जानते है, वहीं डूबते है और किनारे खड़े वाले नही। लेकिन ऐसे लोग कभी तैरना भी नहीं जान पाते है: सरदार पटेल की इस बात के मायने हैं कि कोशिश करने वाले की कभी हार नहीं होती। एक बार किसी भी काम में असफल होने पर उसे छोड़ देने से आप कभी भी उस कार्य को कर नहीं पाएंगे। लेकिन अगर आपके किसी कार्य में असफलता मिलती है तो निराश न हों क्योंकि सफलता कोशिश करने वालो के ही कदम चूमती है।
    5. जो लोग तलवार चलाना जानने के बाद भी अपनी तलवार को म्यान में रखते हैं, उसे ही सही अर्थो में सच्ची अहिंसा कहते है: लौह पुरूष का मानना है कि बलशाली व्यक्ति कभी अपने बल का दिखावा नहीं करना है। ताकतवर व्यक्ति अगर अपनी शक्ति का दिखावा करता है तो उसे हिंसा कहते हैं लेकिन अगर कोई शक्तिशाली व्यक्ति अपनी विन्रमता दर्शाता है तो वहीं सच्चे मायनों में अहिंसा का पक्षधर है।

     

    RESPONSES

    Please enter your comment!
    Please enter your name here