जयपुर। एजुकेशन सिटी कोटा में इस साल आत्महत्या के मामले तेजी से बढ़े हैं। कोटा में बढ़ते हुए सुसाइड के मामलों को लेकर कोचिंग प्रशासन, जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन अपने-अपने स्तर पर कई प्रयास कर चुका है। लेकिन कोटा में कोचिंग स्टूडेंट के सुसाइड रुकने का नाम ही नहीं ले रही। सोमवार देर शाम को एक और कोचिंग छात्रा ने जहर खाकर जान दे दी। कोचिंग छात्रा प्रियम सिंह मऊ यूपी की निवासी थी और कोटा में करीब डेढ़ साल से रहकर नीट की तैयारी कर रही थी। पुलिस छात्रा के हॉस्टल के उस कमरे की जांच-पड़ताल की जायेगी जिनमें वह रहती थी। अभी छात्रा के आत्महत्या करने के कारणों का खुलासा नहीं हुआ है। लेकिन प्राथमिक जानकारी में पुलिस भी जहरीला पदार्थ खाने से मौत मान रही है।
इलाज के दौरान छात्रा ने तोड़ा दम
बताया जा रहा है कि छात्रा प्रियम सिंह ने कोटा में विज्ञान नगर थाना क्षेत्र में स्थित एक कोचिंग संस्थान में शनिवार सुबह कोचिंग के लिए गई थी। छात्रा ने कोचिंग में ही जहरीला पदार्थ सल्फास का सेवन कर लिया। उसके बाद से ही उसकी तबियत बिगडती चली गई, उसे लगातार उल्टियां हो रही थी। जब पता चला की इससे जहरीला पदार्थ खाया है तो उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
हर साल 2 लाख बच्चे आते हैं कोटा
कोटा में हर साल देशभर से 1 से 2 लाख बच्चे अपने और माता पिता के सपने पूरा करने पहुंचते हैं। यहां इंजीनियरिंग और मेडिकल की कोचिंग करने आये सभी स्टूडेंट्स सफल नहीं हो पाते कुछ ऐसे स्टूडेंट होते हैं जिन्हें असफलता हाथ लगती है। कई ऐसे स्टूडेंट भी होते हैं जो पढ़ाई का प्रेशर और माता-पिता की उम्मीद को पूरा नहीं कर पाते, तो सुसाइड जैसे कदम उठा लेते हैं।