सीक्रेट ओपन : जाने आखिर कैसे हुआ राहुल बाबा का कायाकल्प, साल के अंतिम दिनों में क्यों जाते हैं बाबा विदेश

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जैसे-जैसे पांच राज्यों के चुनाव नजदीक आते जा रहे है वैसे-वैसे राजनीतिक दलों का एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो जाता हैं। चुनाव मैदान में कई पार्टियां हैं लेकिन लोगों की नज़र सबसे ज्यादा कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर रहती हैं। प्रधानमंत्री की वाकपटुता के बारें में सभी भलीभांति परिचित हैं लेकिन राहुल बाबा के भाषणों में कई तरह की टिप्पणियां सुनने को मिल जाती हैं। राहुल बाबा चाहे सकारात्मक बोले या नकारात्मक, हो सकता हैं इन टिप्पणियों के बाद बाबा अंदर ही अंदर आहत होते हो। लेकिन कहना पड़ेगा कि पिछले कुछ दिनों से राहुल बाबा एक नए अवतार में दिखाई दे रहे हैं।

बाबा के नए अवतार से कांग्रेसी खुश

राहुल बाबा का नया अवतार देखकर कांग्रेस से जुड़े लोगों में खासा उत्साह देखने को मिला हैं। कांग्रेसी बाबा में भाषण का नया बदलाव देखकर खुश नज़र आ रहे हैं। वहीं आम लोग यह कयास लगाते नजर आ रहे हैं कि राहुल गांधी का यह नया अवतार आखिरकार हुआ कैसे? दबे स्वर में कांग्रेसी भी यही कहते- सुनते नजर आये की बाबा ने अपनी भाषण कला को निखारने के लिए कोई विशेष ट्रेनिंग ली हैं। हालांकि आधिकारिक तौर पर इस बात की पुष्टी नही हो पाई हैं।

वर्ष के अंतिम दिनों में बाबा जाते हैं विदेश

राहुल बाबा हर बार साल के अंतिन दिनों में विदेश चले जाते हैं। दरअसल, 2004 में राजनीति में उतरने के बाद राहुल की सियासत में भूमिका सीमित रही। सरकार और संगठन की कमान मैया सोनिया गांधी के हाथों में थी। वह दौर था जब राहुल कांग्रेस के युवराज के तौर पर देखे जाते थे। साल खत्म होते होते 20 दिंसबर के आस पास राहुल गांधी 15-20 दिनों के लिए विदेश चले जाया करते हैं, लेकिन 2014 में हुई करारी हार के बाद बाबा तकरीबन 2 महीने के लिए छुट्टी पर चले गये थे। तब कई तरह की बातें सामने आई थी। विपक्ष ने बाबा को पार्ट टाइम पॉलिटिशियन का खिताब दिया तो खुद के खेमें में सुगबुगाहट रही कि आखिर बाबा गये तो कहा गयें।

विदेश में विपश्यना के बहाने सीख रहे थे भाषण कला

राहुल के इस तरह से गायब होने पर अब जब सवाल उठे तो कहा गया कि बाबा कुछ दिन विपश्यना करने गये हैं और बाद में यूरोप घूमने। एक गुप्त सूत्र के अनुसार दरअसल यही वे दिन थे जब राहुल गांधी ने अपनी भाषण कला को निखारने की ट्रेनिंग ली थी। दिल्ली के ताल कटोरा स्टेडियम में हुए कांग्रेस के जन वेदना सम्मेलन में दिए गये बाबा के भाषण ने साबित कर दिया कि अब वे भाषण कला में पारंगत हो गये हैं और प्रधानमंत्री मोदी के समान भाषण दे सकते हैं।

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