गोल्ड कोस्ट: वेटलिफ्टर संजीता चानू ने जीता गोल्ड, स्नैच में 84 किग्रा वजन उठाकर स्वाति सिंह का रिकॉर्ड…

    0
    661
    Commomwealth Game 2018

    ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट शहर में चल रहे 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में भारत की झोली में दूसरा स्वर्ण पदक आ गया है। इसी के साथ भारत दो स्वर्ण और एक रजत पदक हासिल कर पदक तालिका में नंबर तीन पर आ गया। गेम्स के पहले दिन मीराबाई चानू के बाद कॉमनवेल्थ गेम में भारत की संजीता चानू ने देश के लिए दूसरा गोल्ड मेडल जीत भारत को एक और गौरव भरा पल दे दिया है। भारत की संजीता चानू ने वेटलिफ्टिंग में गोल्ड जीत लिया है। Commonwealth Game 2018

    इस तरह से भारत के खाते में अब कुल तीन मेडल आ चुके हैं। कॉमनवेल्थ गेम के दूसरे दिन भारतीय वेटलिफ्टर संजीता चानू ने महिलाओं के 53 किलो भार वर्ग में गोल्ड मेडल जीता है। संजीता ने कुल 192 किलो भार उठा कर यह उपलब्धि हासिल की। चानू ने स्नैच में 84 किलोग्राम का भार उठाया जो गेम रिकॉर्ड रहा, वहीं क्लीन एंड जर्क में उन्होंने 108 किलोग्राम का भार उठाया और कुल 192 के कुल स्कोर के साथ गोल्ड मेडल अपने नाम करने में सफल रहीं। Commonwealth Game 2018

    Read More: मुख्यमंत्री राजे बीजेपी स्थापना दिवस से चार दिवसीय सीकर दौरे पर

    कॉमनवेल्थ गेम में भारत की बेटियों का शानदार प्रदर्शन जारी

    during the Women’s 53kg weightlifting final on day two of the Gold Coast 2018 Commonwealth Games at Carrara Sports and Leisure Centre on April 6, 2018 on the Gold Coast, Australia.

    गोल्ड कोस्ट में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम में भारत की बेटियों का शानदार प्रदर्शन जारी है। अभी तक भारत के खाते में दो गोल्ड मेडल आए हैं और ये दोनों गोल्ड मेडल भारत की बेटियों ने ही दिलाए हैं। इससे पहले भारत की वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने करोड़ों देशवासियों की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए गुरूवार को कॉमनवेल्थ खेलों में महिलाओं के भारोत्तोलन के 48 किग्रा भार वर्ग में स्वर्ण अपने नाम किया था। Commonwealth Game 2018

    मीराबाई चानू ने भारत को पहला गोल्ड दिलाया और वहीं, अब संजीता ने भी देश की झोली में गोल्ड डाल गर्वान्वित किया है। इस तरह से दो दिन में भारत के खाते में दो गोल्ड मेडल आ चुके हैं। संजीता ने लगातार दूसरे कॉमनवेल्थ में गोल्ड मेडल जीता है। इससे पहले उन्होंने 2014 में हुए 20वें ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में 48 किग्रा कैटेगरी में यह पदक अपने नाम किया था।

    खेल के दौरान शुरू से लीड करती दिखीं भारतीय वेटलिफ्टर चानू

    24 साल की संजीता चानू ने खेल के दौरान अपनी तीन कोशिशों में लगातार 81, 82 और 84 किग्रा वजन उठाते हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में रिकॉर्ड कायम किया। इसके बाद, क्लीन एंड जर्क में पहली कोशिश में 104 और फिर 108 किग्रा वजन उठाया। हालांकि, तीसरी कोशिश में उन्होंने 112 किग्रा वजन ऑप्ट किया, लेकिन फाउल कर गईं।

    इस तरह कुल 192 किग्रा वजन उठाकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। उन्होंने खेल में शुरू से दबदबा बना रखा था। दूसरे नंबर पर रही पापुआ न्यू गिनी की लोआ डिका उनसे 10 किग्रा वजन उठाने में पीछे रहीं। लोआ कुल 182 किग्रा वजन उठा सकीं। Commomwealth Game 2018

    पापुआ न्यू गिनी की डिका टौआ ने कुल 182 किग्रा वजन उठाया। उन्होंने स्नैच में 80 किग्रा और क्लीन और जर्क में 102 किग्रा वजन उठाया। वहीं, टौआ ने स्नैच में पहली कोशिश में 78 और दूसरी में 80 किग्रा वजन उठाया। तीसरी कोशिश में 82 किग्रा ऑप्ट किया, लेकिन फाउल कर गईं। क्लीन एंड जर्क की पहली कोशिश में 102 किग्रा वजन उठाया। हालांकि, बाद की दोनों कोशिशों में वह फाउल कर गईं। Commonwealth Game 2018

    स्नैच में 84 किग्रा वजन उठाकर संजीता ने स्वाति सिंह का रिकॉर्ड तोड़ा

    2014 में हुए ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत की स्वाति सिंह ने स्नैच में 83 किग्रा वजन उठाकर रिकॉर्ड बनाया था। इसे शुक्रवार को गोल्ड कोस्ट में संजीता ने 84 किग्रा वजन उठाकर तोड़ दिया है। हालांकि, स्वाति सिंह 2014 ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में क्लीन एंड जर्क में 100 किग्रा वजन उठाया था।

    इस वजह से वे चौथे नंबर पर रही थीं, लेकिन गोल्ड जीतने वाली नाइजीरिया की चिका अमालाहा का डोप टेस्ट पॉजिटिव आ जाने की वजह से उनसे यह पदक छीन लिया गया था। इसके बाद दूसरे नंबर पर रहीं पापुआ न्यू गिनी की लोआ टौआ को गोल्ड दे दिया गया था। Commonwealth Game 2018

    जबकि तीसरे नंबर पर रहीं भारत की संतोषी मात्सा को सिल्वर दिया गया था। वहीं, चौथे नंबर पर रही स्वाति ब्रॉन्ज जीतने में कामयाब रही थीं। संजीता चानू ने शुक्रवार को क्लीन एंड जर्क की अंतिम कोशिश में 112 किग्रा ऑप्ट किया था। लेकिन वह फाउल कर गईं।

    यदि वे इसमें सफल रहतीं तो कॉमनवेल्थ गेम्स में 53 किग्रा वर्ग में सभी रिकॉर्ड (स्नैच और क्लीन एंड जर्क) अपने नाम करने वाली एथलीट बन जातीं। गोल्ड जीतने के बाद संजीता ने कहा कि यदि अंतिम प्रयास में मैं फाउल नहीं करती तो सभी रिकॉर्ड बनाने में सफल हो जाती है। मैं ऐसा करना चाहती थी, लेकिन मैं यह मौका चूक गई। इसका मुझे बहुत दुख है।

    RESPONSES

    Please enter your comment!
    Please enter your name here