कांग्रेस ने भले ही वर्तमान राजस्थान सरकार के लोक सेवक प्रोटेक्शन बिल का विरोध किया हो, लेकिन खुद कांग्रेस के नेता काले कारनामे करने में कतई पीछे नहीं है। सत्ता में रहते राजस्थान कांग्रेसी राजनेताओं ने पावर का फायदा उठाते हुए गलत तरीके से सुविधाएं ली है। कांग्रेस की सरकार गई तो इस कांग्रेसी नेता के कारनामे बाहर आ गए। हाल ही में उनसे गलत तरीके से ली गई सुविधाओं के लिए लोकायुक्त ने लाखों रूपए वसूलने के आदेश दिए हैं। आइये जानते हैं किस कांग्रेसी पूर्व मंत्री से लोकायुक्त ने राज्य सरकार को वसूली करने की अनुशंसा की है.. Bina Kak
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लोकायुक्त ने पूर्व मंत्री बीना काक से 32.73 लाख रूपए की वसूली के दिए आदेश
राजस्थान लोकायुक्त की जांच में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में पर्यटन मंत्री रहीं बीना काक को नियम के विरूद्ध राजस्थान पर्यटन विकास निगम से सुविधाएं लेने का दोषी माना गया है। लोकायुक्त ने राज्य सरकार को पूर्व पर्यटन मंत्री बीना काक से 32.73 लाख रूपए की वसूलने की अनुशंसा की है। Bina Kak
राजस्थान के लोकायुक्त जस्टिस एसएस कोठारी ने राजस्थान पर्यटन विकास निगम आरटीडीसी में 32 लाख 73 हजार रूपए के अनियमित खर्चों पर तत्कालीन मंत्री बीना काक और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए राज्य सरकार को सिफारिश भेजी है। लोकायुक्त ने कार्रवाई करने के लिए राज्य सरकार को तीन महीने का समय दिया गया है। Bina Kak
गलत तरीके से सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 6 अधिकारियों पर भी कार्रवाई की सिफारिश
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राजस्थान लोकायुक्त ने गलत तरीके से सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 5 आईएएस सहित छह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भी सिफारिश की गई है। दरअसल, यह मामला अप्रैल 2012 में उछला तो लोकायुक्त की ओर से स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लेकर जांच की गई थी। Bina Kak
तत्कालीन पर्यटन मंत्री बीना काक, पर्यटन विभाग के तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव राकेश श्रीवास्तव, पर्यटन विकास निगम लिमिटेड की तत्कालीन अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक उषा शर्मा, तत्कालीन प्रबन्ध निदेशक मंजीत सिंह, पर्यटन विभाग के तत्कालीन संयुक्त शासन सचिव चन्द्रशेखर मूथा, पर्यटन विकास निगम लिमिटेड के प्रबन्ध निदेशक विनोद अजमेरा एवं पर्यटन विभाग के तत्कालीन वित्तीय सलाहकार आलोक माथुर को दोषी पाया है। Bina Kak
किसी भी मंत्री को ये सुविधाएं देने का नियम नहीं: जानकारी के अनुसार, तत्कालीन पर्यटन मंत्री बीना काक की सुविधाओं पर गलत तरीके से 32.73 लाख रूपए निगम कोष से 2009- 2011 के बीच खर्च हुए थे। भारतीय अंकेक्षण एवं लेखा परीक्षण विभाग की 29 मार्च 2012 को जारी रिपोर्ट में पर्यटन मंत्री को कार, टीवी, फ्रीज, फर्नीचर, माईक्रोवेव ऑवन, टाटा स्काई डीटीएच, वाटर कूलर, एसी एवं कंप्यूटर आदि के रूप में कुल 32 लाख 73 हजार रुपए की सुविधाएं पहुंचाने का उल्लेख किया गया था। Bina Kak
जबकि आरटीडीसी के मैमोरेंडम व आर्टिकल्स आॅफ एसोसिएशन के अनुच्छेद 96 में यह प्रावधान है कि किसी भी मंत्री को आरटीडीसी से किसी भी प्रकार की सुविधाएं नहीं दी जाएंगी। फिर भी कांग्रेसी पूर्व मंत्री बीना काक ने नियमों को ताक पर रखकर सुविधाएं ली। Bina Kak