आतंकवाद के खिलाफ दोहरे रवैये की वजह से अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 1626 करोड़ रूपए की आर्थिक मदद पर रोक लगाई है। इसके बावजूद पाकिस्तान की ऐठ कम नहीं हो रही है। इसकी वजह है चीन, जो पाक के लिए एक मरहम का काम कर रहा है। पिछले एक साल में चीन ने पाकिस्तान में 6500 करोड़ रूपए का निवेश किया है। चीन की 77 कंपनियों ने पाक में रजिस्ट्रेशन कराया है। वहीं यह आंकड़ा पिछले तीन साल में 11,830 करोड़ रूपए पहुंचता है। यह आंकड़ा अमेरिका की ओर से की जाने की आर्थिक मदद से कहीं ज्यादा है जिससे पाकिस्तान को अमेरिका की मदद छोटी लग रही है। यहां तक की अगर वह रूक भी जाए तो भी पाकिस्तान को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। pakistan
पाकिस्तान को अपना करीबी और सदाबहार दोस्त बताने वाले चीन ने पाक से एक ओर करार किया है। दोनों देशों ने फैसला किया है कि अब से पाक—चीन अपना लेनदेन अमेरिकी डॉलर में नहीं बल्कि युआन में करेंगे। युआन चीनी करंसी है। अमेरिका की मदद न मिलने पर पाक के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि ट्रम्प के ‘नो मोर’ का कोई महत्व नहीं है। इस तानाशाही को नहीं सहेंगे। इस खबर के बाद पाकिस्तान में ट्रम्प के पुतले तक फूंके गए हैं। pakistan
आपको बता दें कि हाल में पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद को रोकते हुए कहा कि अमेरिका ने मूर्खतापूर्ण ढंग से पाक को पिछले 15 सालों में 2.14 लाख करोड़ रूपए दिए। बदले में पाक की ओर से केवल झूठ और धोखा मिला। इसके बाद से पाक को अपना दोस्त बता चीन पक्ष में खड़ा हो गया है। pakistan
पाकिस्तान की अकड़ इस सोच पर भी निर्भर करती है कि अमेरिका कई बार पाक को दी जाने वाली मदद रोक लेता है लेकिन फिर शुरू कर देता है। अमेरिका ने 1965 से 1980 के बीच भी पाक को दी जाने वाली सैन्य सहायता रोक दी थी। 1981 में अफगानिस्तान में रूस के आॅपरेशन के बाद फिर से यह शुरू हो गई। 1993 और 1998 में भी परमाणु परीक्षण के बाद अमेरिका ने सभी तरह की मदद बंद कर दी थी। लेकिन 2002 से 2011 के बीच अमेरिका ने पाक को 1.42 लाख करोड़ रूपए की मदद दी है। पिछले 5 सालों में अमेरिका ने पाक को 67,653 करोड़ रूपए की सहायता की है। हालांकि पिछले 5 सालों में की गई मदद में पहले के मुकाबले 80 फीसदी की गिरावट आई है। pakistan
pakistan इसके दूसरी ओर, पाक में सबसे ज्यादा विदेशी निवेश चीन ही कर रहा है। पिछले 4 सालों में चीन ने पाक में 11,830 करोड़ रूपए का निवेश किया है। पिछले एक साल में यह आंकड़ा 6500 करोड़ रूपए निवेश है। चीन पाक में 3.70 लाख करोड़ रूपए का निवेश केवल इंफ्रास्ट्रक्चर पर कर रहा है। पाक ने भी चीन के लिए अपने सभी दरवाजे खोल दिए हैं। आपको बता दें कि पाकिस्तान पर 5 लाख करोड़ रूपए का विदेशी कर्ज है। पाक को पूरी उम्मीद है कि चीनी निवेश से उसकी जीडीपी 15 फीसदी तक बढ़ जाएगी। देश में रोजगार बढ़ेगा और बिजली की कमी दूर होगी।