जयपुर। प्रदेश के जोधपुर के युवा खिलाड़ी स्पिनर रवि विश्नोई की किस्मत ने पिछले एक हफ्ते में ऐसा पलटा खाया कि आज पूरे देश में उनकी चर्चा हो रही है। पहले चार करोड़ में आईपीएल 2022 की लखनऊ फ्रेंचाइजी ने उन्हें अपने साथ जोड़ा और अब एक हफ्ते के भीतर ही उनका सेलेक्शन वेस्टइंडीज सीरीज के लिए टीम इंडिया में हुआ है। रवि बिश्नोई ने अपने जीवन के शुरुआती दिनों में बहुत संघर्ष किया। क्रिकेट के मैदान पर काम करने से लेकर भारतीय टीम में जगह बनाने तक, रवि बिश्नोई ने एक लंबा सफर तय किया है। बचपन में रवि बिश्नोई खेतों की उबड़-खाबड़ जमीन पर ही प्रैक्टिस करते थे। जब तक उनका परिवार गांव में रहा, रवि ने खेतों में ही गेंदबाजी की।
जब विश्नोई ने छोड़ दिया था क्रिकेट
रवि के शिक्षक पिता मांगीलाल ने बताया कि एक ही सपना था कि बेटा रवि देश का प्रतिनिधित्व करे और आज वह पल आ गया। हमारे परिवार के लिए इससे बड़ी खुशी की बात कोई हो ही नहीं सकती। एक वक्त था जब बिश्नोई ने लगभग क्रिकेट छोड़ दिया था। राजस्थान के U19 में उनका सेलेक्शन नहीं हुआ। इस बात से युवा खिलाड़ी रवि काफी दुखी हो गए लेकिन उनके दो कोच प्रद्योत सिंह राठौर और शाहरुख पठान ने उन्हें हिम्मत दी। दूसरे प्रयास में उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया। उनके पिता एक स्कूल के हेडमास्टर थे। वे चाहते थे कि रवि अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे।