राजस्थान की बेटियों को मिला सम्मानपूर्वक जीवन, 3 लाख 28 हजार 627 बालिकाओं को दिया व्यावसायिक प्रशिक्षण

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राजस्थान सरकार ने प्रदेश की बेटियों के उत्थान के लिए कई योजनाओं को लागू किया है। इन योजनाओं को लाभ उठाकर आज बेटियां सम्मान और आत्मनिर्भर के साथ जीनव यापन कर रही है। मंगलवार को राजस्थान की महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री अनिता भदेल में विधानसभा में विधायकों के पूरक प्रश्नों के जवाब दे रही थी। मंत्री भदेल ने कहा कि राजस्थान सरकार ने प्रदेश में 3 लाख 28 हजार 627 बालिकाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया है।

विभिन्न ट्रेड्स में दिया व्यावसायिक प्रशिक्षण

सदन को बताया कि सबला योजना के अंतर्गत पोषण, आयरन एवं फोलिक एसिड अनुपूरण, स्वास्थ्य जांच एवं रेफरल सेवाएं, एन.एच.ई. (पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा), परिवार कल्याण, जीवन कौशल शिक्षा, सार्वजनिक सेवाओं तक पहुंच और विभिन्न ट्रेड्स में व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

सदन में किए आंकड़े पेश

मंत्री भदेल ने कहा कि चौहटन विधानसभा क्षेत्र की 27 ग्राम पंचायतों में 5 हजार 725 बालिकाओं को लाभान्वित किया गया है। उन्होंने बताया कि चौहटन में वर्ष 2011 में 2 हजार 308, 2012 में 5 हजार 793, 2013 में 4 हजार 891, 2014 में 6 हजार 650 और 2015 में 7 हजार 201 बालिकाओं को लाभान्वित किया गया था।

2011 से चल रही है सबला

इससे पहले विधायक तरुण राय कागा के मूल प्रश्न का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा प्रदेश में किशोरी बालिकाओें के सशक्तिकरण के लिए राजीव गांधी किशोरी सशक्तिकरण योजना (सबला) का क्रियान्वयन 24 जनवरी 2011 से किया जा रहा है। मंत्री भदेल ने बताया कि इस योजना का बाड़मेर जिले में 3 हजार 363 आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से संचालन किया जा रहा है। योजना के अन्तर्गत पोषाहार संबंधित गतिविधियां समेकित बाल विकास सेवाएं और गैर पोषाहार गतिविधियां महिला अधिकारिता के द्वारा संचालित की जाती हैं।

उन्होंने गैर पोषाहार योजनान्तर्गत बाड़मेर जिले में सबला योजना के प्रारम्भ से मार्च 2017 तक आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से करवाई जाने वाली गतिविधियों से लाभान्वित बालिकाओं का ग्राम पंचायतवार विवरण सदन की मेज पर रखा। साथ ही परियोजना स्तर पर आयोजित की जाने वाली गतिविधियों से लाभान्वित बालिकाओं का विवरण भी सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि सबला योजना के अन्तर्गत मार्च 2015 तक बाड़मेर जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों पर किशोरी बालिकाओं को पूरक पोषाहार उपलब्ध कराया गया।

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