मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे प्रदेश की जनता के साथ प्रदेश के उन्नत भविष्य का सपना देखती है। इसके लिए राज्य सरकार की पालनहार योजना चलाई गई है। इस योजना से अनाथ बच्चों, विधवा महिलाओं, कुष्ठ रोग एड्स पीडित एवं विशेष योग्यजन दम्पत्ति एवं परित्यक्तता एवं तलाक शुदा महिला की संतानों के लिए सहारा बनकर जिन्दगी को संवार रही है।
कौन है पालनहार योजना के पात्र
- विधवा पालनहार योजना के अन्तर्गत बालक-बालिका जिनके पिता की मृत्यु हो गई हो व माता निराश्रित विधवा पेंशन की पात्रता रखती हो ऐसी महिला के लिए 3 संतान तक राज्य सरकार द्वारा सहायता राशि दी जाती है।
- नाता पालनहार योजना के अन्तर्गत ऐसे बालक-बालिका जिनकी माता उन्हे छोड़कर नाते चली गई हो और उसे नाते गये हुए एक वर्ष से अधिक हो गया हो ऐसी महिला को 3 संतान तक सहायता देय होती है।
- विधिवत पुनर्विवाह करने वाली विधवा माता की संतान हेतु पालनहार योजनान्तर्गत ऐसे बालक-बालिका जिनके पिता की मृत्यु हो गई हो एवं जिनकी विधवा माता द्वारा विधिवत पुनर्विवाह कर लिया हो ऐसे माता की समस्त संतानों के लिए अनुदान सहायता राशि दी जाती है।4. कुष्ठ रोग एवं एड्स पीडित माता पिता की संतान हेतु पालनहार योजना के तहत ऐसे बालक-बालिका जो कुष्ठ रोग एवं एड्स पीडित माता पिता की संतान हो ऐसे पीडित माता पिता की प्रत्येक संतान को अनुदान सहायता राशि दी जाती है। यह सहायता राशि कुष्ठ रोग से पीडित माता पिता के प्रकरणों में उनकी चिकित्सा से रोग दूर होने के बाद भी सहायता राशि दी जाती है।5. विशेष योग्यजन माता पिता की संतान हेतु पालनहार योजना के तहत विशेष योग्यजन माता पिता जो 40 प्रतिशत या अधिक निशक्तता का प्रमाण-पत्र धारी हो उनके सभी बच्चों को जो उनके साथ रहते हो उन्हे अनुदान सहायता राशि दी जाती है। परित्यक्तता एवं तलाक शुदा महिलाओं की संतान के लिए पालनहार योजना के तहत उक्त महिलाओं की प्रत्येक संतान को सहायता राशि का भुगतान किया जाता है।
6. योजना के अन्तर्गत 17 से 21 आयुवर्ग के बालक-बालिकाओं को चिन्हित कोर्स हेतु निर्धारित फीस व अन्य खर्चे उपलब्ध कराये जाते है। स्वरोजगार हेतु बालक-बालिकाओं को जिला उधोग केन्द्र द्वारा स्वरोजगार स्थापित करने पर आवश्यक उपकरण कच्चा माल आदि खरीदने के लिये एक मुश्त राशि 50 हजार रुपये बैक खाते के माध्यम से उपलब्ध करायी जाती है।