जयपुर। प्रदेश में झमाझम बारिश का दौर लगातार जारी है। मॉनसून प्रदेश के लगभग सभी हिस्सों में अपनी सक्रियता दिखा रहा है। मौसम विभाग ने शनिवार को भी प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बारिश की संभावना जताई। जिसके बाद आज प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बारिश की संभावना है। लेकिन खासतौर पर दक्षिण राजस्थान के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने 22 अगस्त को 4 जिलों के लिए रेड अलर्ट तो 11 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने प्रदेश के चार जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. दक्षिण राजस्थान के बांसवाड़ा, डूंगरपुर, चित्तौड़गढ़ और राजसमंद में आज अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
11 जिलों में ऑरेंज अलर्ट
मौसम विभाग ने मॉनसून की सक्रियता को देखते हुए प्रदेश के 11 जिलों में भारी बारिश की संभावना जताते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार अजमेर, बारां, बूंदी, भीलवाड़ा, जयपुर, झालावाड़, कोटा, सवाईमाधोपुर, सिरोही, टोंक और उदयपुर में भारी बारिश हो सकती है। कुछ एक स्थानों पर मूसलाधार बारिश के भी आसार हैं। लगभग एक महीने से अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे बांसवाड़ा जिले में अब जाकर अच्छी बारिश का दौर शुरु हुआ है। कल शाम करीब सात बजे से मूसलाधार बारिश का दौर देखने को मिला था. जो तीन घंटे से भी ज्यादा समय तक जारी रहा।
पहली मूसलाधार में बेणेश्वर धाम बना टापू
बांसवाड़ा में मानसून सीजन की पहली मूसलाधार बारिश शुक्रवार शाम से शुरू हुई। शाम सात बजे से मूसलाधार बारिश का दौर शुरू होने से शहर के भीतरी इलाकों में सडक़ों पर पानी बहने लग गया। शहर के कई निचले इलाकों में घरों में पानी घुस गया। लोग रात भर पानी निकालने की मशक्कत करते रहे। इधर, बांसवाड़ा-डूंगरपुर की सीमा पर स्थित बेणेश्वर धाम भारी बारिश के बाद टापू में तब्दील हो गया। नदियों में पानी की जबरदस्त आवक से बेणेश्वर के पुल पर पानी चादर चल उठी। जिससे धाम का आसपास के कस्बों से संपर्क कट गया।
बांधों का जलस्तर बढ़ा, फसलों को भी फायदा
सुबह कई इलाकों में बारिश में बाद काफी देर बूंदाबांदी चलती रही, जिससे खरीफ की फसल में अच्छा पानी पहुंचा। कई इलाकों में सुबह 11 बजे तक बारिश चलती रही। सावन में कम बारिश के बाद भादो में बरसात से किसानों के चेहरे खिले हैं। किसानों ने बताया कि जुलाई में कम बरसात के चलते सिंचाई से फसल में पानी देना पड़ा, लेकिन अगस्त माह में बारिश से उन्हें राहत मिली है। सावन के दौरान बेहद कम बारिश हुई, लेकिन अब भादो में मेघ बरसने से इसकी भरपाई हो रही है। इसके बावजूद अभी जिले में औसत से कम बरसात हुई है। जिले की वार्षिक औसत बरसात 555 मिमी है। इस हिसाब से 20 अगस्त तक जिले में 370 मिमी बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन अभी तक जिले में 312.18 मिमी बारिश हुई है। मौसम जानकारों के अनुसार अगर जिले में सावन के दौरान मानसून बरसता तो जिले के सभी बांध अभी तक लबालब हो चुके होते, लेकिन अगस्त माह में बारिश से बांधों के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन अभी भी कई बांधों में पानी आना बाकी है। सिंचाई विभाग के बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार विभाग के अंतर्गत आने वाले 22 में से 7 बांधों में पानी है। वहीं 15 बांध अभी तक सूखे हुए हैं।