किसानों और ग्रामीणों की सरकार के रूप में देशभर में पहचाने जाने वाली राजस्थान सरकार के किसानहित में समर्पित प्रयासों के परिणाम आज सबके सामने है। वर्ष 2016-17 के आंकड़ों के अनुसार राजस्थान देशभर में ब्याज मुक्त फसली ऋण के वितरण में दूसरे स्थान पर रहा है। राज्य के सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक ने शुक्रवार को आंकड़े जारी करते हुए बताया कि महाराष्ट्र 15514.16 करोड़ रुपये के ऋण वितरण के साथ पहले स्थान पर जबकि राजस्थान 13540.46 करोड़ रुपये के ब्याजमुक्त का ऋण वितरण कर देशभर के राज्यों में दूसरे स्थान पर है। किसानों की उन्नति के लिए किये गए इस काम में देश के सभी राज्यों में दूसरे स्थान पर आना सरकार के प्रभावी काम को दर्शा रहा है।
23 लाख से ज़्यादा किसानों को मिला लाभ
राजस्थान सरकार ने वर्ष 2016-17 में प्रदेश के 23 लाख 31 हज़ार किसानों को ब्याजमुक्त ऋण प्रदान कर लाभान्वित किया। इस दौरान लघु एवं मध्यम वर्ग के किसानों को अधिक लाभ पहुँचाया गया। राजस्थान की सभी ग्राम पंचायतों में ज़रूरतमंद किसानों को आगे बढ़ाने के लिए इस ऋण का वितरण किया गया था। किसानों को ब्याजरहित फसली ऋण देकर सरकार ने बिना आर्थिक कठिनाई के इन्हें नवाचार की ओर प्रेरित करने का काम किया है।
पिछले वर्ष भी दूसरे स्थान पर रहे हम
देश में किसानों की बहुलता वाले मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, उत्तरप्रदेश, उडी़सा, कर्नाटक जैसे राज्य भी आज ब्याज मुक्त ऋण वितरण में राजस्थान के बाद आते हैं। यहाँ कमाल यह है कि राजस्थान सरकार ने अपनी कार्यनीति में सुधार कर लगातार दूसरे वर्ष किसानों को ऋण वितरण करने में दूसरा स्थान हासिल किया है। वित्तीय वर्ष 2015-16 में भी राजस्थान देश में ब्याज मुक्त फसली ऋण वितरण के मामले में दूसरे स्थान पर ही था। इस तरह किसानों की तरक्की के लिए निर्धारित कार्यप्रणाली को सरकार ने बनाये रखा है।
इस वर्ष के लिए तय किया रिकॉर्ड लक्ष्य
राजस्थान सरकार ने अपने किसानों को और अधिक वित्तीय फायदा पहुँचाने के लिए वर्ष 2017-18 में 25 लाख से अधिक किसानों को ब्याज मुक्त फसली ऋण वितरण के लिए 15000 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड लक्ष्य तय किया है। राज्य के इतिहास में इतनी बड़ी रकम किसानों के लिए पहली बार निर्धारित की गई है। इसमें से खरीफ की फसल के लिए 9 हजार करोड़ रुपये तथा रबी की फसल के लिए 6 हजार करोड़ रुपये का ऋण बिना ब्याज के किसानों को दिया जायेगा। वर्तमान राजस्थान सरकार ने किसानों की उन्नति और तरक्की के लिए निर्धारित होने वाले किसान बजट में हर वर्ष आरोही क्रम में प्रगति की है। किसानों के प्रति यह सकारात्मक रवैया सरकार के सुराज की स्पष्ट अभिव्यक्ति है।