राजस्थान ही नही देश की बेटियों को बचाएगी मुख्यमंत्री राजे की यह योजना, यह राज्य भी चल रहे है हमारे कदमों पर

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मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राजस्थान में बालिका हत्या, कन्या भ्रूण हत्या जैसे मामलों को रोकने के लिए कई सराहनीय कदम उठा रही है। आज राजस्थान में कन्या भ्रूण हत्या जैसे मामलों में काफी कमी आई है। मुख्यमंत्री राजे के दूरदर्शी विजन की सराहना केंद्र भी करता है लेकिन इस बार राजस्थान के इस विजन को उत्तरप्रदेश सरकार अपनाने जा रही है। राजस्थान में कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए सफलतापूर्वक लागू किए गए पीसीपीएनडीटी कानून पर अब उत्तरप्रदेश सरकार भी सख्ती से अमल करेगी।

दिल्ली के बाद उत्तरप्रदेश दूसरा राज्य

राजस्थान में कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए जो योजनाएं चलाई जा रही है उनपर केंद्रीय राजधानी दिल्ली ने भी अमल किया है और दिल्ली में राज्य सरकार की योजनाओं की सफल क्रियान्विती होने के बाद उत्तरप्रदेश भी आगे आ रहा है। दिल्ली के बाद राजस्थान मॉडल का इस्तेमाल करने वाला यूपी देश का दूसरा राज्य हो जाएगा। इस सिलसिले में उत्तरप्रदेश के महिला एवं बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग का एक 6 सदस्यीय दल प्रदेश के दौरे पर आया हुआ है जो जयपुर में स्टेट व जिला स्तर पर पीसीपीएनडीटी प्रकोष्ठ की कार्यप्रणाली का अध्यन कर रहा है। महिला बाल विकास विभाग के स्पेशल सेकेट्री रामकेवल के नेतृत्व में दल के सदस्य सोनोग्राफी सेंटरों का निरीक्षण, डिकोय ऑपरेशन सेंटरों का निरीक्षण, मुखबिर योजना आदि की गतिविधियों की जानकारी ले रहे है।

लगातार हो रही हैं कन्याओं की संख्या में गिरावट

रामकेवल ने बताया कि यूपी में बाल लिंगानुपात लगातार गिर रहा है। मौजूदा स्थिती में साल 2011 में एक हजार लड़कों पर 922 बालिकाएं होती थी लेकिन अब 19 अंकों का गिरावट आ गई है। वर्तमान में बालिकाओं का लिंगानुपात 903 हो चुका है। इस समस्या से निपटने के लिए राजस्थान का पीसीपीएनडीटी प्रकोष्ठ काफी अच्छा काम कर रहा है। वह राजस्थान के अलावा अंतर्राज्यीय कार्रवाई भी कर रहा है।

राजस्थान में अब तक 60 डिकोय ऑपरेशन

राजस्थान में मिशन निदेशक नवीन जैन का कहना है कि राज्य में डिकोय ऑपरेशन सफल रहे हैंय़ इसके अलावा जागरूकता कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है। इसी तर्ज पर उत्तरप्रदेश में भी प्रकोष्ठ बनाने की तैयारी करने के लिए राजस्थान की प्रणाली का अध्ययन किया जा रहा है। प्रदेश में पीसीपीएनडीटी सेल की ओर से अब तक 60 से अधिक ऑपरेशन किए जा चुके हैं इसमे शामिल कई डॉक्टरों, नर्स व दलालों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

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