लहसुन उत्पादक किसानों को राहत देने के लिए राजस्थान सरकार ने उठाये ये कदम

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Government Purchase Of Garlic

वर्तमान राजस्थान सरकार अपने कार्यकाल के करीब साढ़े चार पूरे कर चुकी है। इस दौरान सरकार ने अगर प्रदेश में सबसे ज्यादा विकास पर काम किया है तो वह कृषि और किसान है। राजे सरकार की कोशिश रही है कि प्रदेश के किसानों को मजबूत बनाया जाए। सरकार ने प्रदेश के किसान भाईयों को संबल देने के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की। साथ ही इस दौरान केन्द्र सरकार का भी राज्य सरकार को भरपूर साथ मिला। Government Purchase Of Garlic

हालिया वित्त वर्ष बजट में राजे सरकार ने ऐतिहासिक और बड़ी राहत देने वाला फैसला लेते हुए किसानों के 50 हजार रुपए तक का कर्ज माफ करने की घोषणा की। जिस पर सरकार ने जल्द से जल्द कार्य करते हुए जून, 2018 माह की शुरूआत से विशेष शिविर लगाते हुए ऋणमाफी प्रमाण पत्र जारी करना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही सरकार किसानों को 50,00 रुपए तक का नया ऋण भी उपलब्ध करा रही है। गौरतलब है कि इससे पहले राजस्थान में किसानों का कभी भी इतना कर्ज माफ नहीं किया गया है। हाल ही में राज्य सरकार ने लहसुन उत्पादक किसानों के लिए भी बड़े कदम उठाए हैं। Government Purchase Of Garlic

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राजस्थान सरकार ने लहसुन उत्पादक किसानों को राहत देने के लिए बड़ा निर्णय लिया है। राज्य सरकार लहसुन के उठाव व बेचान की समस्या को देखते हुए अब खुद घाटा उठाने जा रही है। इसके तहत सरकार अब किसानों से ऊंचे दामों में लहसुन को खरीदकर स्थानीय बाजार में ही कम दामों में बेच रही है। इससे सरकार को प्रति क्विंटल करीब 2000 रुपए का घाटा हो रहा है।

 

राज्य सरकार प्रदेश के किसानों से 3257 रुपए प्रति क्विंटल की एमएसपी दर पर लहसुन को खरीद कर बेचने के लिए दिल्ली के आजाद नगर भेज रही थी। वहां सरकार को 1200-1300 रुपए प्रति क्विंटल के भाव मिल रहे थे। साथ ही इसमें ट्रांसर्पोटेशन का खर्चा भी अलग था। Government Purchase Of Garlic

वहीं, दूसरी तरफ किसानों का सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा था। ऐसे में प्रदेश सरकार ने इसका तोड़ निकालते हुए लहसुन को स्थानीय बाजार में बेचने का फैसला किया। हालांकि सरकार ने जो तोड़ निकाला है वह बाजार हस्तक्षेप योजना के मापदंडों में नहीं है। लेकिन किसानों की नाराजगी को देखते हुए सरकार ने स्थानीय स्तर पर सहकारिता विभाग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है।

कमेटी लहसुन बेचने के लिए बंद लिफाफे में स्थानीय व्यापारियों से लेती है लहसुन के भाव Government Purchase Of Garlic

कमेटी में सहकारी बैंक के प्रबंधक, भामाशाह कृषि उपज मंडी के सचिव और कृषि विभाग के पर्यवेक्षक को सदस्य बनाया गया है। यह कमेटी बंद लिफाफे में स्थानीय व्यापारियों से भाव लेती है और किसानों से खरीदा गया लहसुन उन्हें बेच रही है। स्थानीय स्तर पर भी सरकार को सवा चार सौ रुपए से 1322 रुपए तक भाव मिल रहा है। सरकार ने इस व्यवस्था को 29 मई से प्रभावी रूप से लागू कर दिया। बीते दो तीन दिनों में भी सरकार किसानों से करीब 1 लाख 7 हजार क्विंटल के करीब लहसुन खरीद बेच चुकी है। राज्य सरकार को दिल्ली में बेचने पर भी घाटा हो रहा था, लेकिन अब ट्रांसर्पोटेशन का खर्चा बच रहा है।

किसानों की मांग पर तीसरी बार बढ़ी लहसुन खरीद की अवधि

प्रदेश के हाड़ौती में लहसुन की बंपर पैदावार के बाद सरकार किसानों की मांग पर बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत इसे खरीद रही है। सरकारी दर की 13 अप्रैल को हुई घोषणा के बाद इसकी खरीद काफी देरी से, करीब 25 अप्रैल तक शुरू हो पायी थी। खरीद की अवधि एक माह रखी गई थी जो कि 13 मई को पूरी हो गई। इस अवधि में लहसुन का उठाव ना के बराबर हुआ। इस पर फिर अवधि का बढ़ाकर 31 मई किया गया। लेकिन फिर भी सरकार लक्ष्य के मुकाबले दस फीसदी लहसुन भी नहीं खरीद पायी। किसानों की मांग को देखते हुए सरकार ने  मियाद खत्म होने के बाद अब फिर लहसुन खरीद जून माह के अंत तक बढ़ा दी है।

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