राजस्थान की दीप्ति ने मरने के बाद अपने अंगों को दान कर चार लोगों की ज़िन्दगी को दीप्तमान कर दिया। 17 वर्षीय यह बालिका राजस्थान के भरतपुर में अनाहगेट बजरिया निवासी है। दीप्ति गुप्ता आज से 13 दिन पहले एक सड़क हादसें में गंभीर घायल हो गई थी। हादसे के बाद दीप्ति को जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल में भर्ती कराया गया। गंभीर स्थिति में अस्पताल गई दीप्ति ज़्यादा जी नहीं सकी। वहां चिकित्सकों ने दीप्ति को ब्रेन डेड घोषित कर दिया था।
सिर में गंभीर चोट आई थी दीप्ति के
12वीं कक्षा की छात्रा दीप्ति गुप्ता जयपुर के पास स्थित रींगस से खाटू श्यामजी जाते समय 29 जुलाई को एक दुर्भाग्यपूर्ण सड़क हादसे का शिकार हो गई थी। दुर्घटना में दीप्ति के सिर में गंभीर चोट आई थी। उसे जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया। कुछ दिनों तक दीप्ति ज़िन्दगी के लिए संघर्ष करती रही लेकिन 7 अगस्त के दिन चिकित्सकों ने उसे दिमागी तौर पर मृत घोषित कर दिया।
चार लोगों को दे गई नया जीवन
ज़िन्दगी और मौत के संघर्ष में तो दीप्ति हार गई। लेकिन इंसानियत को समझ उसने जीवन के ध्येय पर विजय पा ली। दीप्ति आखिर वक़्त में मानवता के लिए एक मिसाल पेश कर गई। दीप्ति के परिजनों ने उसके अंग दान करने का संकल्प लेकर चार लोगों को नया जीवन दिया। दीप्ति के चार अंग दान किए गए। जयपुर के मानसरोवर निवासी एक 56 वर्षीय व्यक्ति जिसकी दोनों किडनी खराब हो चुकी थी, उसे दीप्ति की एक किडनी दी गई।
दीप्ति की दूसरी किडनी जयपुर की ही रहने वाली एक 40 साल की महिला के शरीर में प्रत्यारोपित की गई। दीप्ति का दिल मुंबई निवासी एक 32 वर्षीय लड़की को दिया गया। उस लड़की के दिल में छेद था। इससे उसे फिर ज़िन्दगी मिली है। परिजनों ने दीप्ति का लीवर / यकृत मथुरा के रहने वाले एक 40 वर्षीय व्यक्ति को दिया गया। इस तरह एक दीप्ति मरकर भी चार ज़िन्दगियों में अमर हो गई। अभी कल गुरुवार को दीप्ति का शव उसके घर पर अंतिम संस्कार के लिए पहुंचा। दीप्ति के अंतिम दर्शन के लिए लोगों का हुजूम लग गया।