निर्देशक संजय लीला भंसाली ने अपनी विवादित फिल्म पद्यावती का ट्रेलर लॉन्च कर दिया है। हालांकि ट्रेलर में ऐसा कुछ भी नहीं दिखाया गया है जिससे राजपूत समाज की प्रतिष्ठा व मर्यादा को कोई ठेस लगती हो लेकिन इसके बावजूद पद्यावती फिल्म को देशभर में बैन किए जाने की मांग की गई है। इस फिल्म को एक दिसम्बर को सिनेमाघरों पर आना है लेकिन यह तारीख पक्की नहीं है। सेंसर बोर्ड से भी अभी तक हरी झंड़ी नहीं मिली है, उससे पहले ही इस फिल्म पर तीखा विरोध शुरू हो गया है। यहां तक की राजपूत समाज और बॉलीवुड के दो धड़े बंट गए हैं। एक ओर जहां राजपूत समाज मार्यादा की दुहाई देकर इस फिल्म पर रोक लगाने के लिए न्यायालय के दरवाजे तक खटखटा चुका है, वहीं बॉलीवुड स्टार्स व फिल्मी कारोबार से जुड़े सभी लोग भंसाली के साथ खड़े हैं। Padmavati Controversy
करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने की तोड़फोड़ Padmavati Controversy
इसी क्रम में मंगलवार को पद्यावती का ट्रेलर दिखाने के बाद गुस्साए करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने कोटा के एक सिनेमाघर में जमकर तोड़फोड़ करते हुए सिनेमाघरों के कर्मचारियों से मारपीट की। भीड़ को हटाने के लिए पुलिस का बल प्रयोग करना इस फिल्म के विरोध और गुस्से को दर्शाने के लिए काफी है। शांतिभंग के तहत 8 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है। बॉलीवुड स्टार्स व राजनेताओं में भी एक तरह की सियासी जुबानी जंग छिड़ गई है। Padmavati Controversy
19 नवंबर को दिल्ली में विरोध
विरोध इतना तेज है कि अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने एलान कर दिया है कि 19 नवंबर को दिल्ली के ताल कटोरा स्टेडियम में एकत्र होकर फिल्म का विरोध किया जाएगा। अगर फिल्म की रिलीज नहीं रूकी तो 30 नवंबर को राजस्थान बंद का आव्हान किया गया है। इसी क्रम में हिन्दू चेतना के वैश्विक प्रसारक आचार्य ने जयपुर में हुई एक प्रेस कांफ्रेंस में फिल्म पर प्रतिबंध लगाकर भंसाली के खिलाफ मुकादमा दायर करने की वकालत की है। फिल्म के विरोध में राजपूत समाज की महिलाओं ने भी मौचा खोल दिया है। शहर में क्षत्रिय महिला संघ की महिलाओं ने सिरसी रोड स्थित एक गार्डन में पद्यावती फिल्म के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया है। Padmavati Controversy
दीपिका पादुकोंण और सुब्रमण्यम स्वामी में तीखी नोकझोक
इस फिल्म को लेकर पद्यावती के किरदार में दीपिका पादुकोंण और भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी में भी तीखी नोकझोक छिड़ गई है। फिल्म पर दीपिका ने कहा है कि मुझे फिल्म् का हिस्सा होने पर गर्व है। हमने खुद को कैसा बना लिया है। एक राष्ट्र के तौर पर हम कहां पहुंच गए हैं। इस पर स्वामी ने दीपिका की डच नागरिकता का हवाला देते हुए कहा है कि आखिर वह (दीपिका) कैसे हमारी निंदा कर सकती है जबकि वह खुद भारतीय नहीं है। दीपिका हमें पिछड़ेपन को लेकर लैक्चर दे रही हैं। इससे पहले कांग्रेस नेता शशि थरूर भी ट्विट देकर हाईलाइट हो चुके हैं। Padmavati Controversy
क्या है कंट्रोवर्सी
आपको बता दें कि भंसाली फिल्म् पर चल ही कॉन्ट्रोवर्सी को खत्म करने के लिए फिल्म राजपूत समाज के 5 सदस्यीय पैनल को दिखाए जाने की हामी भर चुके हैं लेकिन इसके बाद भी इस फिल्म पर चल रहा विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। इस फिल्म् की कहानी 1300 सदी के आसपास की है। पद्यावती चित्तौड़ की महारानी और रावल रतनसिंह की पत्नी थीं जिसपर दिल्ली के मुस्लिम शासक अलाउद्दीन खिलजी की बुरी नजर थी। कहा जाता है कि एक दर्पण में पद्यावती का अक्स देखकर खिलजी पद्यावती पर मौहित हो गया था। उसे पाने के लिए ही खिलजी ने सन् 1303 में चित्तौड़ पर आक्रमण कर दिया था। इसी युद्ध में रावल रतनसिंह वीरगति को प्राप्त हुए और रानी पद्यावती ने जौहर कर लिया। फिल्म में पद्यावती का किरदार दीपिका पादुकोंण ने निभाया है जबकि रणवीर सिंह अलाउद्दीन खिलजी और शाहिद कपूर रावल रतनसिंह बने हैं। Padmavati Controversy