राजस्थान उपचुनावों के नतीजों पर लगे सट्टे में नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी की हिस्सेदारी वाली बातचीत के वीडियो पर सदन में भाजपा व कांग्रेस का टकराव काफी बढ़ गया है। डूडी ने आरोपों को लेकर सरकार के संसदीय कार्यमंत्री राजेंद्र राठौड़ व उपमुख्य सचेतक मदन राठौड़ के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश कर दिया है। इस प्रस्ताव को अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने मंजूर कर लिया है और इसे जांच के लिए प्रिविलेज कमेटी को भेज भी दिया है। डूडी ने विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव में कहा है, ‘राजेंद्र राठौड़ व मदन राठौड़ ने बिना नोटिस दिए ही सदन में उन पर व्यक्तिगत आरोप लगाए हैं।’
आगे क्या होगा
प्रिविलेज कमेटी के अध्यक्ष भाजपा विधायक जोगाराम पटेल हैं। उनके समेत समिति में 10 विधायक हैं। अब कमेटी राजेंद्र राठौड़ व मदन राठौड़ का पक्ष लेगी और जांच कर रिपोर्ट सदन में पेश करेगी। दोनों विधायक या डूडी दोषी पाए गए तो निंदा प्रस्ताव से लेकर उनके निलंबन तक की कार्रवाई हो सकती है।
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क्या है मामला
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी का एक वीडियो सोशल साइट पर वायरल हो रहा है। इसमें डूडी राजस्थान उपचुनाव में सट्टे के भावों पर मंथन कर रहे हैं। खुद के 3 करोड़ रूपए सट्टा बाजार में लगा होने की बात भी डूडी इस वीडियो में स्वीकारते नजर आ रहे हैं।
वीडियो की जांच एसएफएल से कराने की मांग
अचानक हुए इस घटनाक्रम के बीच राजेंद्र राठौड़ और मदन राठौड़ बार-बार नियम 288 व 289 का हवाला देते हुए सट्टेबाजी का वीडियो टेबल करने और इसकी जांच एसएफएल से करवाने की मांग उठाते रहे। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल और उपाध्यक्ष राव राजेंद्र सिंह दोनों ने ही इसकी मंजूरी नहीं दी।