टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने टी-20 और एकदिवसीय मैचों की कप्तानी छोड़ दी है। अब इंग्लैंड के खिलाफ शुरू होने वाली एकदिवसीय और टी-20 सीरीज के लिए नए कप्तान का ऐलान होगा। महेंद्र सिंह धोनी ने भारत की तरफ से 199 एकदिवसीय मैचों में कप्तानी की, जिसमें भारत को 110 मैचों में जीत मिली और भारत 74 मैच हारा। कप्तान के रूप में धोनी का व्यक्तिगत प्रदर्शन भी शानदार रहा। कप्तान के रूप में 199 मैच खेलते हुए धोनी ने करीब 54 के औसत से 6,633 रन बनाए, जिसमें छह शतक और 47 अर्धशतक शामिल हैं।
वर्ल्ड कप के बाद एकदिवसीय मैचों में धोनी की कप्तानी में भारत का खराब प्रदर्शन
अगर टी-20 मैचों की बात जाए तो धोनी दुनिया के सबसे सफल टी-20 कप्तान हैं। धोनी की कप्तानी में भारत ने 72 टी-20 मैच खेले और 41 मैचों में जीत मिली, जबकि भारत 28 मैच हारा। कप्तान के रूप में धोनी ने 73 मैचों में करीब 36 के औसत से 1112 रन बनाए। 2015 में खेले गए आईसीसी वर्ल्ड कप में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत अच्छा प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल तक पहुंचा था, लेकिन वर्ल्ड कप के बाद धोनी की कप्तानी में भारत का प्रदर्शन एकदिवसीय मैचों में कुछ खास नहीं रहा।
2015 में बांग्लादेश में बांग्लादेश के खिलाफ हुई तीन मैचों की एकदिवसीय सीरीज को भारत 2-1 से हार गया था। साउथ अफ्रीका के खिलाफ हुई 5 मैचों की एकदिवसीय सीरीज को भारत 3-2 से हार गया था। सबसे बड़ी बात थी कि भारत के घरेलू मैदान पर साउथ अफ्रीका ने उसे हराया था। जनवरी 2016 में धोनी की कप्तानी में भारत ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था और वह 5 मैचों की एकदिवसीय सीरीज को 4-1 से हार गया था।
धोनी के मुकाबले विराट कोहली का शानदार प्रदर्शन
एक तरफ धोनी कप्तान के रूप में फ्लॉप हो रहे थे तो दूसरे तरफ विराट कोहली के शानदार प्रदर्शन के वजह से धोनी के ऊपर कहीं न कहीं दवाब था। विराट कोहली की कप्तानी में भारत टेस्ट मैचों में शानदार प्रदर्शन कर रहा है। खिलाड़ी के रूप में कोहली टेस्ट, एकदिवसीय और टी-20 मैचों में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में सिर्फ धोनी ही नहीं, बीसीसीआई पर भी दवाब था।
फिनिशर के रूप में धोनी पिछले कुछ मैचों में फ़ेल हो रहे थे
महेंद्र सिंह धोनी ने एक फिनिशर के रूप में नाम कमाया। कई मैचों में शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत को जीत दिलवाई, जिनमें वर्ल्ड कप के फाइनल में शानदार प्रदर्शन शामिल है, लेकिन पिछले कुछ मैचों में धोनी का प्रदर्शन इतना अच्छा नहीं था। एक फिनिशर के रूप में भी धोनी फ्लॉप हो रहे थे।
न्यूजीलैंड के खिलाफ दिल्ली में खेले गए दूसरे वन-डे मैच के दौरान टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी जब बल्लेबाजी कर रहे थे, तब मैच भारत के हाथ में था। यह उम्मीद की जा रही थी कि धोनी अपने दम पर मैच जीता लेंगे, लेकिन धोनी ने 65 गेंदों का सामना करते हुए सिर्फ 39 रन बनाए और आखिरकार भारत यह मैच 6 रन से हार गया। सबसे बड़ी बात यह थी कि धोनी का हल्के तरीके से आउट होना। सिर्फ यह मैच नहीं, कई ऐसे मैच हैं, जिनमें धोनी की ख़राब बल्लेबाजी की वजह से भारत मैच हारा है। 11 अक्टूबर 2015 को साउथ अफ्रीका के खिलाफ हुए पहले वन-डे मैच में धोनी का प्रदर्शन कुछ ख़ास नहीं था। धोनी जब बल्लेबाजी करने आए तब भारत को आखिरी 60 गेंदों में 90 रन की जरूरत थी, सो यह उम्मीद की जा रही थी कि धोनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए भारत को जीत दिलाएंगे। लेकिन धोनी काफी स्लो खेले। पहले दस रन बनाने के लिए धोनी ने 17 गेंदों का सहारा लिया था। धोनी ने इस मैच में 30 गेंदों का सामना करते हुए 31 बनाए थे और भारत पांच रन से मैच हार गया था।
सिर्फ इतना नहीं 18 अक्टूबर 2015 को राजकोट के मैदान पर भारत और साउथ अफ्रीका के बीच हुए वनडे मैच में धोनी का प्रदर्शन काफी खराब था। दक्षिण अफ्रीका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 270 रन बनाए थे। चौथे स्थान पर बल्लेबाजी करने आए धोनी ने काफी धीमी पारी खेली। धोनी ने 61 गेंदों सामना करते हुए सिर्फ 47 रन बनाए और भारत इस मैच को 23 रन से हार गया।
इससे पहले भी कुछ मैचों में फिनिशर के रूप में धोनी का प्रदर्शन खराब रहा है। टी-20 में भी फिनिशर के रूप में धोनी विफल हो रहे हैं। 18 जून 2016 को ज़िम्बाब्वे के खिलाफ पहले टी-20 मैच में धोनी ने 17 गेंदों का सामना करते हुए 19 रन बनाए थे और भारत इस मैच को सिर्फ दो रन से हार गया था। आईपीएल मैच के दौरान भी धोनी ने कुछ धीमी पारियां खेली थीं, जिसकी वजह से उनकी टीम को हार का सामना करना पड़ा था।
हर मैच में शानदार खेलते हुए टीम को जीत दिलाना किसी भी खिलाड़ी के लिए संभव नहीं है, लेकिन धोनी के अंदर आत्मविश्वास की कमी दिखाई देने लगी है। अब जब धोनी बल्लेबाजी करते हैं तो ऐसा लगता है कि वह काफी दवाब में खेल रहे हैं। हो सकता है कि इस दवाब की वजह धोनी विफल हो रहे हैं।