राजस्थान बजट: अन्नदाता की उन्नति के लिए खुली हैं राजे की पोटली, किसानों का विकास राजस्थान का विकास

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Rajasthan Budget 2017-18

Rajasthan Budget 2017-18 in Hindi Updates: राज्य का बजट सप्ताह भर बाद विधानसभा में पेश होने वाला है। राजस्थान में किसानों के लिहाज से यह महत्वपूर्ण बजट साबित होने वाला हैं। नोटबंदी के बाद प्रदेश के बजट में मुख्यमंत्री राजे किसानों को किस प्रकार से राहत देगी। प्रदेश के किसानों की सबसे बड़ी जरूरत सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी की है। किसानों को पूरा पानी तभी मिलेगा जब नहरों की हालत सही हो। राज्य में कई क्षेत्रों में जलस्तर बेहद नीचे हैं ऐसे में सिंचाई के लिए नहरें ही एक मात्र चुनाव रह गया हैं। साथ ही आधुनिक खेती भी राजस्थान के किसानों की आवश्यकता बन गई हैं जिसके लिए राज्य सरकार अभिनव प्रयास कर रही हैं और इस बार बजट में किसानों के लिए कई घोषणाएं हो सकती हैं।

अन्नदाता की उन्नति के लिए खुला राजे का पिटारा

राजस्थान में अन्नदाता की उन्नति के लिए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे हमेशा से ही प्रयासरत रही हैं। 2016 में मुख्यमंत्री राजे ने किसानों के लिए किसान मेला( ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट- ग्राम-2016 ) का आय़ोजन करवाया जो संभवत देश भर का पहला किसान मेला था। इसके अलावा राज्य सरकार ने राजस्थान में घटते जलस्तर को देखते हुए मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान चलाया जिसके चलते आज राजस्थान में डार्क जोनों की संख्या में कमी आई हैं। अब राजस्थान जल क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन गया हैं।

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राजे के बजट की किसान वर्ग में आशाएं

मुख्यमंत्री राजे अपने बजट में प्रदेश के किसान वर्ग का विशेष ध्यान रखती हैं। चुंकि राजस्थान एक कृषक प्रदेश हैं ऐसे में किसानों के विकास से ही प्रदेश का विकास संभव हैं। मुख्यमंत्री राजे ने राजस्थान के किसानों को ग्राम, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, कृषि विपणन, उद्यानिकी, सहकारिता, पशुपालन और सिंचाई में हमेशा राहत देने की कोशिश की हैं। बजट से पहले मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने प्रदेश के किसानों को कृषि कनेक्शनों पर बढ़ी हुई बिजली की दरों को वापल लेकर राहत प्रदान की है। आशाएं लगाई जा रही हैं कि मुख्यमंत्री राजे के पिटारे से हर बार की तरह इस बार भी किसानों के लिए राहत वाला खजाना निकलेगा।

कृषि विश्व विद्यालय खुले

कृषि के लिहाज से श्रीगंगानगर जिला प्रदेश में अग्रणी है। गेहूं, कपास और किन्नू उत्पादन में यहां के किसानों ने नाम कमाया है। किसान कृषि क्षेत्र में नवाचार भी करना चाहते हैं। लेकिन इस काम में उनके साथ धोखा ही हुआ है। कभी किसानों को अनार ने धोखा दिया तो कभी खजूर ने। कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना होगी तो किसानों को कृषि में नवाचार अपनाने के लिए मार्गदर्शन मिलेगा।

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