राजस्थान के जैसलमेर के फील्ड फायरिंग रेंज में इन दिनों स्वदेशी टारगेट मिसाइलों का परीक्षण किया जा रहा है। इनमें से एक है दागो और भूल जाओ मिसाइल। इन्हें फायर एंड फॉरगेट मिसाइल भी कहा जाता है। यह है थर्ड जेनरेशन एंटी टैंक नाग मिसाइल का अपग्रेड फायर वर्जन हेलेना मिसाइल। एयर टू ग्राउंड फायरिंग रेंज में एलसीएच लाईट कॉबोट हेलीकॉप्टर से दागी गई इस मिसाइल से 6 अचूक टार्गेट किए जा चुके हैं। इन मिसाइलों को हिंदुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड द्वारा निर्मित किया गया है जो 7 किलोमीटर दूर तक के किसी भी टार्गेट को निस्तेनाबूत करने में सक्षम है। Indian Army
हेलेना मिसाइल अब तक 8 विकास परीक्षणों के काम में लाया गया है। नाग के इस सफल परीक्षण में डीआरडीओ, भारतीय सेना, हिंदुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड और भारतीय वायु सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया और संबंधित उड़ान परीक्षणों को देखा। दागो और भूल जाओ वाली इस मिसाइल की कई खूबियां है। इसमें इमेज के जरिए संकेत मिलने पर इसे दागने के लिए बाद यह दुश्मन के टैंक का पीछा करते हुए उसे तबाह कर देगी। Indian Army
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इसके साथ ही जैसलमेर की चांधन फील्ड फायरिंग रेंज में स्वदेशी गाइडेड बम स्मार्ट एंटी एयरफील्ड वेपन का भी सफल परीक्षण किया गया है। भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान जगुआर से इस मारक तकनीक का सफल परीक्षण किया गया है। पिछले तीन दिन से चल रहे परीक्षणों का अंतिम परीक्षण हाल ही में संपन्न हुआ है। यह हथियार 100 किमी. के दायरे में आने वाले दुश्मन के बंकर्स, रनवेज, एयरक्राफ्ट या अन्य किसी ठिकाने को तबाह करने में सक्षम है। स्मार्ट एंटी एयरफील्ड वेपन पूरी तरह से स्वदेशी निर्मित है। इसका वजन 120 किलोग्राम है। भारतीय वायुसेना के लिए जंग के दुर्गम और उंचाई वाले इलाकों में भी निशानों को ध्वस्त करने का काफी अचूक और सुरक्षित हथियार है। Indian Army