
जयपुर। प्रदेश में इन दिनों उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल की हत्याकांड मामला छाया हुआ है। कन्हैयालाल का मर्डर करने वाले आरोपी मोहम्मद रियाज और मोहम्मद गौस पाकिस्तानी संस्था जमात उल दावा के जलसों के वीडियो को सुनियोजित तरीके से वायरल करते थे। जांच एजेंसी को जांच के दौरान पता चला है कि दोनों आरोपी उन्हीं वीडियो को चुना करते थे जो सबसे ज्यादा भड़काऊ हुआ करते थे। उदयपुर हत्याकांड मामले में गिरफ्तार आरोपियों की पाकिस्तानी संस्था जमात उल दावा के अलावा तहरीक ए लब्बैक के धार्मिक गुरुओं से भी संपर्क की जानकारी सामने आ रही है।
भारत में जलसे करवाने की थी योजना
इस मामले में जांच में पता चला है कि पाकिस्तान की इस जमात उल दावा धार्मिक संस्था के भारत में भी व्यापक स्तर पर जलसे करवाने की योजना तैयार कर रहे थे। गिरफ्तार किए गए आरोपी गौस के बारे में जांच एजेंसियों को अहम जानकारी मिली है। पाकिस्तान में कराची के अलावा इसमें दो बार सऊदी अरब की यात्रा की थी, जिसमें से एक बार वह अपने परिवार के साथ दिया था और एक बार अकेले गया था।
आधा दर्जन धर्मगुरुओं के थे संपर्क में
जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि 2014 से लगातार पाकिस्तान कि कुछ धार्मिक गुरुओं के संपर्क में था जिनकी विचारधारा की बातें वह अपने आसपास के लोगों से करता था। कराची के अलावा आरोपी गौस पाकिस्तान के मीरपुर, घारो और साकरो इलाके के करीब आधा दर्जन धर्मगुरुओं के संपर्क में था। जांच एजेंसियां अब इस बात की तफ्तीश कर रही है कि अमरावती कांड के आरोपियों का पाकिस्तान की किस संस्था के साथ संपर्क था और उनके कौन से धार्मिक गुरुओं का वो वीडियो सुना करते थे।