हर एक वोट मायने रखता है: जानिए क्यों ज़रूरी है आपका वोट

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    दुनियाभर में चुनावों को लोकतंत्र में महापर्व के रूप में माना जाता रहा है। अधिकांशत लोग राजनीति में रूचि रखते हैं और खूब सारी बातें भी इस पर करते हैं, लेकिन बात जब इस महापर्व में सक्रिय भागीदारी की आती है यानी जब मतदान की आती है तो लोगों में उतना उत्साह देखने को मिलता है जितना अपेक्षित होता है। मतदान के प्रति उपेक्षा का भाव गांवों की अपेक्षा शहरी क्षेत्रों में कहीं अधिक देखा गया है। शहरों में मतदान का प्रतिशत गांवों की तुलना में कम रहता है। बल्कि होना यह चाहिए कि अधिक शिक्षित होने के नाते लोकतंत्र के महापर्व में बढ़—चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। आइये राष्ट्रीय मतदाता दिवस के मौक पर जानते हैं कि हर एक वोट का लोकतंत्र के निर्माण में क्या मायने हैं…

    25 जनवरी को इसलिए मनाया जाता है राष्ट्रीय मतदाता दिवस Vote

    भारत में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले यानी 25 जनवरी को नेशनल वोटर्स डे यानी राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का खास उद्देश्य युवाओं को वोट देने के लिए प्रेरित करना है। अगर इसको संक्षिप्त में कहें तो वोट देने के अधिकार को सेलिब्रेट करने का दिन होता है राष्ट्रीय मतदाता दिवस। 25 जनवरी 1950 को पहले गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर निर्वाचन आयोग अस्तित्व में आया था। राष्ट्रीय मतदाता दिवस नए मतदाताओं को प्रोत्साहित करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा उठाए गए विभिन्न प्रयासों के बीच एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत के निर्वाचन आयोग की स्थापना की याद में 2011 में इसकी शुरूआत की गई थी। आज 25 जनवरी को देश में 8वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जा रहा है। Vote

    1988 में हुए संशोधन के तहत 21 वर्ष से 18 वर्ष की गई मतदान की आयु सीमा

    जनता की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करने के लिए संविधान (61वां संशोधन) अधिनियम, 1988 के तहत मतदान की आयु सीमा 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष की गई थी। इसके बाद नवंबर 1989 में सम्पन्न हुए 10वीं लोकसभा के लिए चुनावों में 18 वर्ष से 21 वर्ष के आयु वर्ग के 35.7 मिलियन (करीब 3.5 करोड़) मतदाताओं ने पहली बार मतदान में हिस्सा लिया था। मतदाताओं को ध्यान में रखते हुए एक साफ-सुथरी एवं त्रुटि मुक्त मतदाता सूची तैयार करना (जनप्रतिनिधि अधिनियम, 1951 की धारा 11 और 62 के अनुसार) आयोग की प्राथमिकता में शामिल होता है। Vote

    हर एक वोट के ये हैं मायने, इसलिए ज़रूरी है आपका वोट करना

    लोकसभा और विधानसभा चुनावों के साथ ही जिला, तहसील, नगर, पंचायत स्तर पर चुनाव आयोजित किए जाते हैं। इन सभी चुनावों का मकसद लोकतंत्र के राज को साबित करना होता है। लोकतंत्र के निर्माण के लिए हमें अपने जनप्रतिनिधि चुनकर भेजने का हक प्राप्त है। हम देश में जहां कहीं भी रह रहे हों हमें अपने पसंद के प्रति​निधि को वोट देने का अधिकार है। इससे किसी भी क्षेत्र के लोगों की समस्याएं, क्षेत्र में विकास कार्यों की मांग, क्षेत्र की जरूरतों को निर्वाचित जनप्रतिनिधि के सामने रखकर उनका समाधान करवाया जा सके। अगर आपका मत किसी अच्छे प्रत्याशी को जाता है तो निर्वाचित होने से क्षेत्र में हर तरह की समस्याओं को हल करवाया जा सकता है। Vote

    लोकतंत्र में एक—एक वोट से ​ही किसी भी प्रत्याशी की जीत तय होती है। यह हम खुद तय करते हैं कि हमें किस तरह का प्रत्याशी अगले पांच साल के लिए चाहिए। किसी भी चुनावी क्षेत्र में कोई अच्छा नेता चुनकर आता है तो जनता की समस्याओं को आगे अच्छे से रख सकता है। अगर हम मतदान नहीं करते हैं तो ऐसे प्रतिनिधि चुनकर आ सकते हैं जो अपराध या गलत कृत्यों में शामिल रहते हों। जिससे जनता को किसी भी प्रकार का खतरा उठाना पड़ सकता है। ऐसे में लोकतंत्र के महापर्व में एक-एक मतदाता अपने मताधिकार का महत्व समझते हुए अच्छा प्रतिनिधि चुनने के लिए अपने मत का प्रयोग अवश्य करें।

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