किसी भी प्रगतिशील देश की अर्थव्यवस्था में युवाओं का विशेष स्थान होता है अतः देश के युवाओं को सशक्त बनाना सरकार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। आजादी के बाद गत 70 वर्षों में हमारे देश ने भले ही कितनी भी तरक्की कर ली हो परंतु बेरोजगारी आज भी चिंता का एक महत्वपूर्ण विषय है। इस समस्या से निपटने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों ने एक के बाद एक कई नवाचारों की मदद से देश को रोजगार परक बनाने का प्रयत्न किया है। पिछले कुछ वर्षों में राजस्थान में मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने युवाओं के रोजगार और कौशल विकास को प्राथमिकता मान के इस क्षेत्र में काम किया जिससे निःसन्देह राजस्थान ने सफलता पाई है।
हाल ही में केंद्र सरकार ने इस क्षेत्र में नयी सफलता दर्ज की है। ग्रामीण इलाकों में शिक्षित बेरोजगारों को सशक्त और आत्मविश्वासी बनाने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने इंटरनेट के माध्यम से इस रविवार देश में 31 प्रधानमंत्री कौशल विकास केन्द्रों का उद्घाटन किया। इन 31 केंद्रों में से 3 कौशल विकास केंद्र राजस्थान में स्थापित हैं। इनमें से एक केंद्र दौसा जिले के मण्डावर कस्बे के सरावली मोड़ पर उद्घाटित किया गया। सांसद हरीश मीना की मानें तो यह ‘प्रधानमंत्री कौशल विकास केन्द्र’ ग्रामीण क्षेत्रों में खुलने वाला प्रदेश का पहला केन्द्र है। इससे पहले तक सभी कौशल विकास केंद्र शहरी क्षेत्रों में खोले गए थे। सरकार द्वारा बनाये गए इन कौशल केंद्रों से अभी तक ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा था परंतु अब विभिन्न ग्रामों के युवाओं को भी नए अवसर प्राप्त हो सकेंगे।
दौसा मण्डावर के केंद्र में मिलेगी युवाओं को रोजगार की नयी राह…
मण्डावर के इस नवोद्घाटित केंद्र में शुरू में 5 कोर्स संचालित किए जाएंगे जिनके लिए जिले के 1500 बेरोजगार युवाओं को चयन किया जाएगा। सभी युवाओं को केन्द्र में कार्यरत प्रशिक्षक प्रतिदिन 8 घंटे का प्रशिक्षण देंगे जिसके पूरा होते ही प्रशिक्षणार्थियों की योग्यता के आधार पर ग्रेडिंग की जाएगी। इस ग्रेडिंग के आधार पर सरकार द्वारा उन्हें रोजगार मुहैया कराया जाएगा। इस कौशल विकास केंद्र के दौरान वहां युवाओं के लिए रोजगार प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। इस केंद्र में प्रशिक्षित होने के बाद युवा ना केवल नौकरी पा सकेंगे बल्कि सरकारी बैंकों से ऋण लेकर स्वयं का रोजगार भी शुरू कर सकेंगे।
प्रशिक्षण के लिए निर्धारित की सरकार ने योग्यता…
कौशल प्रशिक्षण केंद्र में दाखिले हेतु प्रत्याशीयों का कक्षा 10वीं उत्तीर्ण करना अत्यंत आवश्यक है। इसके अतिरिक्त उम्मीदवारों के तयशुदा उम्र 18 से 35 वर्ष है सरकार का दावा है की प्रशिक्षण के बाद उम्मीदवारों को आवश्यक रूप से रोजगार मुहैया कराया जाएगा।
गत तीन वर्षों में राजस्थान ने कौशल विकास क्षेत्र में हासिल किये हैं नए मुकाम…
राजस्थान सरकार द्वारा विभिन्न प्रशिक्षण योजनाओं के जरिए पिछले तीन वर्षों में राज्य के दस लाख लोगों को रोजगार के अवसर मिले हैं। सरकारी क्षेत्र में एक लाख से अधिक तथा गैर सरकारी क्षेत्र में लगभग 9 लाख युवाओं को रोजगार मिला है। राज्य में स्थापित विभिन्न प्रशिक्षण योजनाओं के माध्यम से लगभग 4 लाख 50 हजार युवाओं को अलग-अलग क्षेत्रों एवं व्यवसाय में प्रशिक्षण दिया गया है। इस दौरान गैर सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में 2 लाख 97 हजार तथा राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास में 1 लाख 68 हजार युवाओं को प्रशिक्षित किया गया था। कौशल एवं आजीविका को बढ़ावा देने हेतु सरकार ने रोजगार सृजन की दृष्टि से कई रणनीतियां बनायीं जिनसे कई युवाओं को लाभ प्राप्त हुआ है।
राजस्थान एवं केंद्र सरकार के निरंतर प्रयास के चलते जल्द ही राजस्थान कौशल विकास के क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर सृजन कर युवाओं की इस समस्या का समाधान करेगा।