विकास बनाम भ्रष्टाचार: धौलपुर उप-चुनाव में किसका है पलड़ा भारी, किसे चुनेगी जनता?

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Dholpur Elections Ashok Gehlot and Vasundhara Raje

राजस्थान के इतिहास में धौलपुर का हमेशा से ही विशिष्ट स्थान रहा है। पहले ‘धवलपुर’ के नाम से जाने वाला धौलपुर अतीत में भूतपूर्व जाट रियासत हुआ करता था। कभी मचकुंड मंदिर तो कभी केसरबाग पैलेस में चल रहे धौलपुर सैन्य विद्यालय ने इस जिले को राज्य-स्तर पर पहचान दिलाई। परंतु बदलते परिवेश के साथ धौलपुर ना केवल विकास के पथ पर अग्रसर हुआ अपितु इस जिले ने राष्ट्र में अपनी अलग पहचान कायम की। वर्तमान में धौलपुर अपनी कृषि एवं पर्यटन क्षमता तथा बलुआ पत्थर (सैंडस्टोन) खनन और आपूर्ति के लिए जाना जाता है। वर्ष 2003 में धौलपुर के इस विकास की नींव धौलपुर की महारानी और वर्तमान राजस्थान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने रखी थी। आज 14 वर्षों के बाद, धौलपुर विकास के प्रमुख क्षेत्रों में निरंतर नए परचम लहरा रहा है। गत तीन वर्षों में कैसे बदली धौलपुर की तस्वीर, आइये देखते हैं।

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की मानें तो जिले ने बीते कुछ सालों में नयी बुलंदियां प्राप्त की हैं परंतु विकास कार्यों को गति देने के लिए कड़ी से कड़ी जोड़ना अत्यंत महत्वपूर्ण है। धौलपुर का सम्पूर्ण विकास तभी संभव है जब जनता के साथ-ही-साथ विपक्षी पक्ष भी सरकार का इस कार्य में साथ दें।

पथ जो प्रगति की ओर ले जाएं

शेष जिलों से कटे रहने वाली ग्राम पंचायतें– सादिकपुर, जाटौली, कासिमपुर, तगावली, लुहारी, कौलारी, टहरी, वविश्णोदा, पुरैनी, तसीमों, चितौरा आज 550 लाख की लागत से बनी संपर्क सड़कों के माध्यम से अन्य स्थानों से सम्बद्ध हैं। वहीं सिंघावली, बरेह, ओदी, गढ़ी चटोला, बसई सामंता, बसई नीम तथा मौरौली में 360 लाख की लागत से बन रहे गौरव पथों का निर्माण जारी है। कोटरा, जाटौली तथा फिरोज़पुर समेत 15 विधानसभा क्षेत्रों एवं कई नगरपालिकाओं के इर्द-गिर्द मिसिंग लिंक तथा सड़कों को 602.50 लाख की लागत से दुरुस्त किया गया। इसके अतिरिक्त राजाखेड़ा एवं धौलपुर के 21 क्षेत्रों में मिसिंग लिंक तथा नॉन पेचेबल आर.आई.डी.एफ़. नाबार्ड के अन्तर्गत द्वितीय फेज में निर्माण कार्य जारी है।

राजस्थान सरकार के अनुसार सड़क निर्माण के माध्यम से पर्यटन, व्यापार, कृषि तथा शिक्षा अर्थव्यवस्था को गति प्राप्त होगी। इस कारणवश धौलपुर की आधारिक संरचना मजबूत करने से जिले को कई लाभ प्राप्त हुए हैं। भविष्य में राजे सरकार 441 करोड़ की लागत से राज्य में 19 402-किलोमीटर लंबी रोड बनाने के लिए प्रयासरत है जिनमें ३२-किलोमीटर लंबी धौलपुर-राजखेड़ा रोड अत्यंत महत्वपूर्ण है।

50 वर्षों से अटकी पेयजल परियोजना को मिली हरी झंडी, 180 गाँवों को मिलेगा फ्लोराइडमुक्त जल

50 डिग्री तापमान में धूप से झुलसते प्रदेश में स्वच्छ पानी की समस्या 50 वर्षों से बनी हुई है। कई सरकारें आयीं, कई गयीं परंतु फ्लोराइड-युक्त जल से जूझती, बूंद-बूंद को तरसती जनता की किसी ने सुध नहीं ली। सरकार बदलने के बाद गत तीन वर्षों में जहां टेहरी की पार्वती नदी पर एनीकट का निर्माण हुआ वहीं लंबे समय से अटकी 800-करोड़ की धौलपुर लिफ्ट परियोजना को हरी झंडी मिली। भविष्य में इस परियोजना के पूर्ण होते ही राजखेड़ा के 76 तथा धौलपुर के 114 गाँवों में फ्लोराइड-मुक्त जल उपलब्ध हो सकेगा। इंजीनियरों की मानें तो इससे 34000 हेक्टेयर कृषि जमीनों पर सिंचाई हो सकेगी।

इसके अतिरिक्त पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के अन्तर्गत चम्बल घाटी परियोजना के माध्यम से धौलपुर सहित 12 अतिरिक्त जिलों तथा शहरों, मुख्यतः झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, करौली, अलवर, दौसा, भरतपुर तथा जयपुर को स्वच्छ जल प्राप्त होगा। पिछले कुछ सालों में चम्बल नहर जल वितरण प्रणाली पर सरकार 115 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है, आगामी वर्ष में 125 करोड़ की लागत से इस कार्य को ठोस आधार दिया जाएगा।

24 घंटे बिजली, सशक्त आधारभूत संरचना से मिली आम आदमी को सुविधा

डी.टी रोड हाईवे पर बने बायपास से सब्जी-विक्रेताओं को मंडी के लिए जगह प्राप्त हुई है, जिससे आस-पास के क्षेत्रों के लोगों को ताज़ी फल-सब्जियों के लिए भटकना नहीं पड़ता। सौर ऊर्जा मिशन के अन्तर्गत निनोखर के रितेश एवं मुरारी लाल शर्मा सहित 13 किसान भाइयों को लाभ प्राप्त हुआ। 24 घंटे बिजली से जगमगाते धौलपुर में आज किसानों को सिंचाई, छात्रों को पढ़ाई तथा कर्मचारियों को दैनिक कार्यों के लिए बिजली आने का इंतज़ार नहीं करना पड़ता।

धौलपुर और करौली दोनों जिले डांग क्षेत्र में आते हैं। इसके मद्देनजर डांग विकास बोर्ड के बजट में सरकार द्वारा धौलपुर को 9 करोड़ 60 लाख रुपए एवं करौली को 8 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। इस धन के माध्यम से जिलों की ग्राम पंचायतों में हैण्डपम्प, इंटरलिंकिंग सड़क, सी.सी. रोड, कुएं सामुदायिक भवन आदि सुविधाओं का विकास किया जाएगा।

शिक्षा प्रणाली में सुधार

वर्ष 2013 में लागू हुई कार्यालय जिला परियोजना समन्वयक सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत करीमपुर, पंचगांव, बिरोधा सहित 77 ग्राम पंचायतों में स्तिथ सरकारी विद्यालयों में 326.48 लाख की लागत से चारदीवारी, रसोई, हैंडपंप, भवन, शौचालय, डेफर्ड कार्य, अध्यापक कक्ष तथा सिंक कार्नर के निर्माण तथा मरम्मत से विद्यालयों को नया स्वरुप प्राप्त हुआ। वहीं नए चमचमाते विद्यालयों में छात्रों ने नए उत्साह के साथ प्रवेश किया।

हाल ही में खुले नए अभियांत्रिकी (इंजीनियरिंग) कॉलेज के कारण छात्रों को अन्य शहरों में पलायन नहीं करना पड़ता। बजट 2017 की अंतरघोषणा में कॉलेज के नवीनीकरण के लिए 1 करोड़ का प्रावधान है जिससे भविष्य में आने वाले छात्रों को नए प्रयोगशालाओं में कार्य करने का अवसर प्रदान होगा। इसके अतिरिक्त सरकारी स्कूलों में बढ़ते नामांकन देखते हुए सरकार ने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में नए विज्ञान संकाय स्थापित करने का निर्णय लिया है।  इसके होते ही सरकारी स्कूलों में विज्ञान संकाय में 100 से ज्यादा नामांकन करवाना सरकार का अगला लक्ष्य है।

कौशल विकास के माध्यम से युवाओं को रोजगार प्राप्त हो सके, इसलिए सरकार ने राजसमंद में मैकेनिक मोटर वाहन व्यापार केंद्र तथा धौलपुर, राजसमंद, झालावाड़ में आईटीआई की स्थापना करने का निर्णय लिया है। यदि ऐसा हो गया तो भविष्य में धौलपुर के युवा अपने पैरों पर स्वयं खड़े हो सकेंगे।

नागरिकों के स्वस्थता के लिए 100-करोड़ के अस्पताल, शल्य चिकित्सा केंद्र तथा ब्लड बैंक

धौलपुर जिला अस्पताल भवन में पर्याप्त स्थान ना होने के कारण नए भवन के निर्माण हेतु सरकार ने 100 करोड़ की राशि आवंटित की है। इसके साथ-ही-साथ धौलपुर, ब्यावर, बूंदी, गंगानगर, चित्तौरगढ़, अलवर तथा झुंझुनू में 3 करोड़ 50 लाख की लागत से ‘blood component separation laboratory’ तथा 5 करोड़ की लागत से बने ब्लड बैंक से कई जानें बचाई जा सकेंगी।

इसके अतिरिक्त क्षार सूत्र शल्य चिकित्सा, 2 नए आयुर्वेद पंचकर्म केंद्रों से मनुष्यों तथा पशु चिकित्सा उपकेंद्र एवं एकीकृत पशुधन विकास केंद्रों की स्थापना से पशुओं को लाभ प्राप्त होगा।

महिला सुरक्षा तथा न्याय प्रणाली में सुधार के आसार

महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने की दृष्टि से धौलपुर में इस वर्ष ‘अपराजिता महिला आपदा प्रबंधन’ केन्द्रों की नींव रखी जाएगी, जिससे जरूरतमंद माँ-बहनों को वक्त पर सहायता मिल सके। इसके साथ ही कई वर्षों से लंबित कानूनी मामलों को निपटने के लिए एक नए परिवारिक न्यायालय तथा धौलपुर तहसील मुख्यालय में उप-कोष का प्रबंध किया जाएगा।

इन लाभकारी योजनाओं के चलते धौलपुर की जनता को पिछले कुछ वर्षों में ना केवल सुविधा मिली है अपितु धौलपुर जिले का पुनर्निमाण भी हुआ है।

इसके बाद इसमें कोई दो राय नहीं की धौलपुर की जनता विकास की संरक्षक वसुंधरा राजे के साथ है। गत 50 वर्षों में कांग्रेस सरकार द्वारा धौलपुर को सिवाय उपेक्षा तथा घोटालों के और कुछ प्राप्त नहीं हुआ। धौलपुर की जनता की विकास-मांगों को देखते हुए वसुंधरा राजे का जीतना अत्यंत आवश्यक है।

 

 

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