प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिजिटल इंडिया की पहल के बाद वसुंधरा सरकार भी राजस्थान में डिजिटलाइजेश्न पर तेजी से काम कर रही है। माननीय मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के अथक प्रयासों का ही नतीजा है कि राजस्थान धीरे—धीरे एक डिजिटल प्रदेश बनने की ओर अग्रसर है। इसके लिए मुख्यमंत्री ने कागजी कार्यवाही पर काफी नियंत्रण करते हुए उसे डिजिटल की ओर मोड़ा है। यही वजह है कि प्रदेश के कई कार्यालय अब पूरी तरह डिजिटल हो गए हैं। प्रदेश को डिजिटल प्रोग्राम से जोड़ने के लिए प्रदेश में कई नई पहल भी की गई हैं जिनके बल पर राजस्थान में यह संभव हो पाया है। आइए बात करते हैं डिजिटलीकरण की दिशा में राजस्थान में हुई टॉप 5 पहल के बारे में ….
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नगर निगम व पुलिस स्टेशन हुए आॅनलाइन
You need not visit a #PoliceStation to file a lost complaint anymore. If you have lost any item, you just need to visit https://t.co/kw3yDkxP6N … and enter details of the lost object and other particulars.#JaipurPolice #DigitalIndia #SmartPolicing pic.twitter.com/QHLdTLZXBh
— Jaipur Police (@jaipur_police) November 16, 2017
प्रदेश में डिजिटल कार्यप्रणाली की शुरूआत नगर निगम, कलेक्ट्री और पुलिस स्टेशन एवं जिला मुख्यालय से हुई है। भारी कागजी फाइलों से निजात दिलाने के लिए यहां के सभी कामों को आॅनलाइन किया गया है। यहां तक की आवेदन से लेकर रजिस्ट्रेशन तक सभी कुछ आॅनलाइन यानि डिजिटल किया गया है। शादी प्रमाणपत्र हो या जन्म प्रमाण पत्र या हो मृत्यु प्रमाण पत्र, सभी के आवेदन आॅनलाइन किए जा चुके हैं। पुलिस स्टेशन में भी अब एफआईआर आॅनलाइन ही लिखाई जा सकती है और कॉपी भी आॅनलाइन ही जनरेट होती है। इससे घर बैठे—बैठे ही अपनी कम्पलेन दर्ज भी कराई जा सकती है और उसका स्टेट्स भी देखा जा सकता है।
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हिन्दी ईमेल लॉन्च, विश्व का पहले हिन्दी डोमिन
हाल ही उदयपुर में डीजी फेस्ट में माननीय मुख्यमंत्री ने एक हिन्दी डोमिन को लॉन्च किया है। अभी तक केवल जीमेल या याहू मेल पर ही ईमेल भेजी जा सकती थी लेकिन अब हिन्दी डोमिन के जरिए वह लोग भी ईमेल भेज सकते हैं जिन्हें अंग्रेजी बिलकुल भी नहीं आती। इस डोमिन का नाम है हिन्दी.भारत। यह टेकनोलॉजी पूरे विश्व में पहली बार है जिन्हें राजस्थान सरकार ने हिन्दी जानने वालों के लिए पेश किया है। प्रदेश को डिजिटल बनाने की दिशा में यह सबसे बड़ी और नई पहल है।
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बिग डाटा एन्वायरमेंट प्रोजेक्ट
राजस्थान की डिजिटल के क्षेत्र में यह एक नई पहल है। इस पहल में यूएस बेस्ड टेराडेटा कंपनी की मदद ली गई है। यह एक डेटा वेयरहाउस कंपनी है जो सभी सरकारी विभागों को आॅनलाइन सिस्टम से जोड़कर ई—गवर्नेस सर्विस की तरह काम करेगी। बिग डाटा एन्वायरमेंट प्रोजेक्ट विभागों की केटेगिरी के हिसाब से कॉमन डेटा और एनालिटिक्स डेटा को अलग—अलग करने का काम करेगा। इससे विभागों की रिकॉर्ड मेनटेन रखने या रिकॉर्ड सर्च करने में आसानी होगी। इस तरह सरकार के सभी विभाग एक—दूसरे से जुड़े भी रहेंगे और साथ काम भी कर सकेंगे।
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ई—चालान और ई—बिल पैमेंट
राजस्थान में यह एक नई पहल की गई है। सभी मुख्य सड़कों पर कैमरें लगाए गए हैं और ई—चालान बनाया जा रहा है। अगर कोई यातायात पुलिस की गैर अनुपस्थिति में या उपस्थिति में भी नियमों को तोड़ता हुआ पाया जाता है तो ई—चालान धीरे वाहन चालक के घर पर पहुंच जाता है। इसका भुगतान भी आॅनलाइन करने की सुविधा दी गई है। साथ ही आजकल बिजली का बिल भी मोबाइल पर ही आ जाता है और उसका भुगतान आॅनलाइन किया जा सकता है। यानि न लाइन में लगने का झंझट और ही कोई मुसीबत, बस घर बैठे सारा काम हो जाता है। राशनकार्ड व भामाशाह कार्ड को भी आॅनलाइन रिकॉर्ड से जोड़ा गया है ताकि हेरफेर से निजात मिल सके।
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डीजी फेस्ट के माध्यम से डिजिटल प्रणाली को बढ़ावा
राजस्थान सरकार प्रदेश सहित देश के युवाओं को डिजिटल व टेकनोलॉजी के सेक्शन में आगे बढ़ने के लिए आईटी स्टूडेंट्स के लिए डीजी फेस्ट आयोजित करती है। इस बार का डीजी फेस्ट उदयपुर में हुआ है। यहां ऐसे आई बच्चों को बुलाया जाता है जो सरकार की योजनाओं को टेकनोलॉजी के जरिए आसान कर सकें। इस आयोजन में 32 लाख रूपए तक के पुरस्कार भी रखे गए थे और विजेता टीम के साथ सरकारी अनुबंध भी किया गया है। इस तरह के आयोजन प्रदेश के युवाओं को टेकनोलॉजी की तरफ आगे बढ़ने के लिए काफी जरूरी हैं।