राजस्थान की जनता को विकास चाहिए। मुख्यमंत्री राजे ने प्रदेश का समान विकास कर हर क्षेत्र को विकसित किया हैं। जहां लोग जाति, धर्म और क्षेत्र के आधार पर वोटों की राजनीति करते हैं वही भाजपा अपने द्वारा किए गये विकास कार्यों के आधार पर राजनीति करती हैं। प्रदेश में आगामी 9 अप्रेल को धौलपुर विधानसभा उप-चुनाव हैं और इसे देखते हुए प्रदेश भाजपा ने अपनी कमर कस ली हैं। राजस्थान सरकार और भाजपा किसी भी हालात में धौलपुर को अपने हाथों से जाने नही देना चाहती इसलिए सूबे के कई मंत्री और भाजपा पदाधिकारियों ने धौलपुर में डेरा जमाया हुआ हैं। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे चाहती हैं कि धौलपुर का समग्र विकास हो इसके लिए क्षेत्र का विधायक भी भाजपा से ही चुनकर विधानसभा पहुंचे।
धौलपुर को विकास की मुख्यधारा से हैं जोड़ना
धौलपुर मुख्यमंत्री राजे का गृहक्षेत्र होने के साथ ही राजस्थान का सबसे शांत और आर्थिक दृष्टी से महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं। एक समय राजा-महाराजाओं की स्थली रहा धौलपुर अब मुख्यमंत्री राजे का गृहस्थान हैं। मुख्यमंत्री राजे चाहती हैं कि धौलपुर से भाजपा का विधायक बने ताकि क्षेत्र को सीधे विकास की मुख्य धारा से जोड़ा जा सके। धौलपुर से अगर भाजपा विधायक चुना जाता हैं तो करीब 1.5 साल तक क्षेत्र में विकास किया जा सकता हैं।
क्यों बनना चाहिए धौलपुर में भाजपा विधायक
अगर एक अनुमान लगाया जाए तो यह कहना सार्थक ही होगा कि धौलपुर से भाजपा का ही विधायक चुना जाना चाहिए। जिस प्रकार कांग्रेस सभी क्षेत्रों में हार का सामना कर रही हैं ऐसे में विधानसभा में इतिहास से सबसे छोटा कांग्रेस का विधायकदल हैं। अगर धौलपुर में विकास के क्रम को आगे ले जाना हैं तो भाजपा का विधायक होना चाहिए ताकि जनता को सीधे लाभ मिल सके।
राजे और मोदी का साथ
धौलपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी शोभारानी कुशवाह को राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साथ मिला हैं। चुंकि प्रदेश औऱ देश दोनों में भाजपा हैं तो धौलपुर में विकास की गति को तेज किया जा सकता हैं। इस डेढ़ साल में अगर धौलपुर में विकास की गति को आगे बढाया जा सकता हैं तो भाजपा के प्रत्याशी को जीत हासिल करनी होगी। जब केंद्रीय संगठन और राज्य संगठन का साथ प्रत्याशी के साथ हैं तो जीतना भाजपा के लिए आसान हो जाएगा।
कांग्रेस मान चुकी हैं अपनी हार
चार राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद अब कांग्रेस धौलपुर चुनाव में भी अपनी हार स्वीकार कर चुकी हैं। यहां कांग्रेस सिर्फ एक हारी हुई बाजी को जीतने का प्रयास कर रही हैं। काग्रेस प्रत्याशी धौलपुर से 5 बार विधायक रहे चुके हैं लेकिन उनके खाते में एक भी विकास कार्य नही हैं ऐसे में कांग्रेस ने एक बार फिर इसी प्रत्याशी पर दांव खेला हैं।