जयपुर। अशोक गहलोत के लिए साल 2020 उठापटक वाला रहा। 2020 में सत्ता और संगठन को कई बड़ी सियासी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। अब नया साल 2021 शुरू हो गया है लेकिन कांग्रेस सरकार के सामने चुनौतियां कम नहीं है। नए साल में प्रदेश कांग्रेस को कई बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। इन चुनौतियों से पार पाना प्रदेश कांग्रेस के लिए आसान नहीं होगा। प्रदेश कांग्रेस में 2020 साल के आखिरी दिन भी कार्यकारिणी की घोषणा नहीं हो पाई। ऐसे में अब घोषणा इसी माह पहले सप्ताह में होगी लेकिन प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व के सामने चिंता सबसे बड़ी यह है की घोषणा होने के साथ ही प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी से वंचित रहे नेताओं के असंतोष का सामना प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व को करना पड़ सकता है।
ये बड़ी चुनौतियां होगी सामने
मार्च में होने वाला बजट सत्र भी सत्ता और संगठन के लिए चुनौती से कम नहीं है, क्योंकि बजट सत्र में विपक्ष के हमलों का जवाब देने के साथ-साथ सत्ता पक्ष को एकजुट रखना भी बड़ी चुनौती है। राजनीतिक नियुक्तियां, मंत्रिमंडल विस्तार और 3 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव जैसी बड़ी चुनौतियां इसी साल कांग्रेस पार्टी के सामने आने वाली है। ऐसे में 2020 की तरह 2021 भी प्रदेश कांग्रेस के लिए चुनौतियों भरा साल रहने वाला है। इस साल प्रदेश कांग्रेस को कम से कम आधा दर्जन जैसी प्रमुख बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।