मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे इन दिनों प्रदेशभर में लगातार दौरे कर रही हैं। यहां वह जनसंवाद तो कर ही रही हैं, शिलान्यास व लोकार्पण में भी कोताही नहीं बरत नहीं। बीते कुछ महीनों में लगातार दौरों का यह सिलसिला और भी तेज हो गया है जो रूकने का नाम नहीं ले रहा। जनवरी के बाद से राजे कोटा, बारां, पाली, झालावाड़ (झालरापाटन व खानपुर विधानसभा), नागौर, बांसवाड़ा, चित्तौड़ सहित अन्य जिलों के दौरे कर चुकी है Marathon Jansamwad
और बराबर यहां जनसमुदाय व कार्यकर्ताओं से जनसंवाद कर रही है। आने वाले कुछ महीनों में अन्य जिलों के दौरे भी होने की पूरी-पूरी संभावना है। लेकिन इस मैराथन जनसंवाद से मुख्यमंत्री राजे को क्या फायदा होगा, आइए विस्तार से डालते हैं एक नजर। Marathon Jansamwad
असल में उपचुनावों में मिली हार को भाजपा और वसुन्धरा सरकार की एक कमी के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि अभी भी राजे सरकार विधानसभा में बहुमत पर है और अगला चुनाव भी सकारात्मकता लिए हुए है लेकिन मुख्यमंत्री राजे ने इसे एक कमी के रूप में हाथो—हाथ लिया है और इसे दूर करने में जुटी हुई है।
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जनसंवाद करने का एक अन्य लाभ और भी है। जनसंवाद के दौरान सरकार को लोगों की परेशानी और दुविधाओं का भी करीबी तौर पर पता चलता है। राजे खुद इस सभी परेशानियों व समस्याओं से रूबरू होना चाहती हैं ताकि इन्हें करीब से समझा और सुधारा जा सके। साथ ही जहां-जहां आवश्यक है, विकास कार्यों को गति देते हुए भी नजर आ रही हैं।
उनके यह दौरे प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने वाले भी सिद्ध हो रहे हैं। राजे सरकार ने खासतौर पर मंदिरों पर विकास कार्यों को गति दी है ताकि पर्यटन के साथ दर्शनार्थियों को सुविधा मिले और विकास को गति।
इन सभी दौरों का एक मकसद और भी है। यह तो सभी जानते हैं कि विकास कार्यों के दम पर ही चुनाव लड़ा जाता है। जो जितना कार्य करेगा, उसकी जीत की संभावना उतनी ही प्रबल होगी। ऐसे में मुख्यमंत्री राजे भी प्रदेश में विकास की गति को किसी भी तरह कम नहीं होने देना चाहती। यही सब विकास और मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के यह मैराथन दौरे ही आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा सरकार का दावा मजबूत करने वाले साबित होंगे।