मुख्यमंत्री राजे ने किया राजस्थान का सपना साकार, एमओयू के साथ ही रिफाइनरी को अमलीजामा पहनाने की कवायदें शुरू

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Vasundhara Raje

राजस्थान की महत्वकांक्षी बाड़मेर रिफाइनरी परियोजना पर से संकट के बादल अब छंट गये है। मुख्यमंत्री राजे बाड़मेर रिफाइनरी को नये सिरे से लगाने के लिए मंगलवार को एचपीसीएल से एमओयू करेगी। सरकार की मंशा के अनुरूप पेट्रोलियम विभाग ने कंपनी के साथ एमओयू होते ही इसकी स्थापना का काम जमीन स्तर पर शुरू करने की कवायद शुरू कर रहा है ।

                                          मुख्यमंत्री राजे की अध्यक्षता में होगा एमओयू

मंगलवार को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में पेट्रोलियम विभाग एचपीसीएल से अपनी नई शर्तो पर एमओयू करेगा। प्रदेश में बाड़मेर में लगने वाली एक नौ एमएमटीपीएल की रिफाइनरी सह पेट्रोकेमिकल संकुल लगाने के लिए एमओयू कल होने जा रहा है।

एमओयू होने के बाद तुंरत होगी जमीनी स्तर पर पहनाया जाएगा अमलीजामा

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने रिफाइनरी के लिए हो रहे एमओयू  से पहले प्रदेश के पांच विभागों के अधिकारियों को दिशा निर्देश दिये है कि एमओयू होने के तुरंत बाद इस पर जमीनी स्तर पर कार्य शुरु हो जाएं। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अधिकारियों को रिफाइनरी के लिए एमओयू होने के बाद इसे जमीनी स्तर पर अमलीजामा पहनाने के लिए कोई ढिलाई नही बरतने के लिए निर्देश दिये हैं।

 सभी विभागों को मुख्यमंत्री राजे ने दिए निर्देश

राज्य सरकार ने अक्टुबर 2018 तक रिफाइनरी स्थापित करने के लिए अफसरों के लिए टारगेट सेट किए है। इसके चलते बाड़मेर मे चिन्हित 3500 एकड़ जमीन देने की प्रक्रिया जल्द पूरी करने लेने, रिफाइनरी को लेकर कंपनी को दिए जाने वाले करों में रियायतों, इंदिरा गांधी कैनाल से 28 एमजीडी पानी की निरंतर सप्लाई की व्यवस्था के काम में जुट गया है। इसके लिए संबंधित विभागों के साथ समन्वय कर प्रक्रिया शुरु कर दी गई है।

                         पहले के मुकाबले ज्यादा हिस्सेदारी और सस्ती दर पर लगेगी रिफाइनरी

लंबे समय से बाड़मेर की रिफाइनरी पर छाए संशय के बादल अब छंट गए हैं। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने घोषणा की कि रिफाइनरी बाड़मेर में ही लगेगी। राजे बार बार यह कह चुकी हैं कि पिछली कांग्रेस सरकार ने रिफाइनरी का जो तकमीना तैयार किया था, वो एकदम गलत था। हमने उसे बदल दिया है। उन्होंने कहा कि रिफाइनरी बाड़मेर में ही लगेगी और यह राजस्थान के हित में होगी। मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि एसपीसीएल के साथ किए गए सरकार के एमओयू के अनुसार 15 सालों तक प्रतिवर्ष ब्याज मुक्त ऋण के रूप में 3 हजार 736 करोड़ रुपए देने पडते लेकिन वर्तमान सरकार ने इसे 1 हजार 123 करोड़ रुपया ही देगी। इस तरह से 15 सालों में राज्य सरकार ब्याज मुक्त ऋण के रुप में 56 हजार 40 करोड़ रुपए की जगह 16 हजार 845 करोड़ रुपए ही देने होंगे। पिछली कांग्रेस सरकार ने राज्य सरकार को रिफाइनरी में 26 फीसदी इक्विटी के रुप में 3871 करोड़ की जगह 3738 करोड़ ही देय होगी।

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