लखनऊ में पीएम मोदी आज सोमवार को महारैली को संबोधित करने वाले है लेकिन उनकी इस रैली से पहले कुछ लोगों द्वारा ट्रेन हादसे की साजिश रचने की बात सामने आ रही है। दरअसल, शनिवार देर रात को कुछ अज्ञात लोगों द्वारा कानपुर के मंधाना में रेलवे ट्रैक काटे जाने की घटना सामने आई थी। इसी के बाद रविवार रात एक व्यक्ति अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया। उसने अपने ट्वीट में लिखा की मोदी की लखनऊ रैली से पहले किसी बड़े ट्रेन हादसे की साजिश रची जा रही थी। साथ ही यह भी लिखा कि पिछला रेल हादसा भी मोदी की रैली से पहले ही हुआ था।
रेल मंत्री सुरेश प्रभू को ट्वीट कर दी जानकारी, माना सही
इस व्यक्ति के ट्वीट को रेलीमंत्री सुरेश प्रभु ने भी रीट्वीट कर हादसे की आशंका को सही माना है। सुरेश प्रभु द्वारा रीट्वीट किए जाने के बाद यह विषय सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। लगातार इस विषय में पर ट्वीट किए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि शनिवार को कानपुर के मंधाना में कुछ अज्ञात लोगों द्वारा रेलवे ट्रैक काटे जाने की बात सामने आई। हालांकि पेट्रोलिंग टीम को आता देख वह लोग वहां से भाग निकले।
कानपुर में हुए एक के बाद एक दो रेल हादसे
पिछले डेढ महीने के अंदर कानपुर में दो बड़े हादसे हो चुके हैं। एक के बाद एक हो रहे ट्रेन हादसों को लेकर सवाल उठ रहे हैं। उन्हीं के चलते रेलमंत्री सुरेश प्रभू ने भी इसकी जांच कराने की बात करी है।
हाल ही में हुआ था अजमेर सियालदाह एक्सप्रेस हादसा
गौरतलब है कि 28 दिसंबर को कानपुर के रूहा स्टेशन पर हादसा हुआ था, जिसमें अजमेर सियालदाह एक्सप्रेस के 15 डिब्बें पटरी से उतर गए थे और करीब 50 लोग घायल हो गए थे। वहीं 20 नवंबर को कानपुर के नजदीक पुखरायां में भी ट्रेन हादसा हुआ था जिसमें कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे और कई लोगों की मौत हो गई। इसी दिन पीएम मोदी की रैली भी थी जिसके बाद रैली करने के को लेकर उनकी आलोचना भी हुई थी। शनिवार देर रात कानपुर के मंधाना में कुछ अज्ञात लोगों द्वारा ट्रैक काटे जाने की घटना सामने आई थी
ट्रैक काटे जाने की खबरे से मचा हड़कंप
बता दें कि शनिवार देर रात कानपुर के नजदीक मंधना में कुछ अज्ञात लोगों द्वारा ट्रैक काटे जाने की खबर से हड़कंप मच गया था। नारामऊ-मंधना स्टेशन के बीच कुछ अराजक तत्वों ने ट्रैक की 40-50 क्लिप्स के अलावा जॉगल प्लेट्स खोल दी थीं। पटरी को भी काटा जा रहा था, लेकिन पट्रोलिंग टीम को देखकर कई लोग भाग निकले। कन्नौज की आरपीएफ पोस्ट में घटना की रिपोर्ट लिखाई गई है।
रेल हादसे इत्तेफाक है या साजिश-रेल मंत्री
सिर्फ डेढ़ महीने के भीतर कानपुर के नजदीक दो बड़े रेल हादसे हो चुके हैं और शनिवार रात पट्रोलिंग टीम की सतर्कता एक और हादसा टल गया। एक के बाद एक हो रही यह घटनाएं महज इत्तेफाक है या साजिश, रेल मंत्री ने इसकी जांच कराने की बात रही है।
बता दें कि इसके पहले 28 दिसंबर को कानपुर के रूरा स्टेशन के पास ट्रेन हादसा हुआ था, जिसमें अजमेर-सियालदह एक्सप्रेस के 15 डब्बे पटरी से उतर गए थे। इस हादसे में 52 यात्री घायल हुए थे। 20 नवंबर को कानपुर के ही पास पुखरायां में भीषण ट्रेन हादसा हुआ था, जिसमें कई लोग मारे गए थे और सैंकड़ों लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। उसी दिन (20 नवंबर) आगरा में पीएम मोदी की परिवर्तन रैली हुई थी। इतने बड़े हादसे के दिन रैली करने को लेकर कई लोगों ने पीएम मोदी की आलोचना भी की थी।