त्वरित कार्यवाही से बचती है जानें: जोधपुर हादसा

    0
    2018
    building collapse in jodhpur

    राजस्थान के जोधपुर शहर में सरदारपुरा बी रोड स्थित तीन मंजिला इमारत गिरने के बाद तत्काल मौके पर पहुंचे नागरिक सुरक्षा दस्ते और एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रेस्क्यू फोर्स) के जवानों की फुर्ती व मुस्तैदी से तीन जिंदगियां बचा ली गई। जोधपुर जिला कलक्टर के आदेश पर एसडीआरएफ के कंपनी कमांडर गुलाबाराम के नेतृत्व में चालीस जवान तत्काल मौके पर पहुंचे। तब तक नागरिक सुरक्षा दस्ता राहत कार्य में जुटा था और दुकान संचालक को बाहर निकाल लिया था। एसडीआरएफ के जवानों ने बड़े पत्थर और मलबा हटाने में मदद की। building collapse in jodhpur

    जानकारी के अनुसार, सरदारपुरा बी रोड स्थित एक मकान के निर्माण के लिए नींव खोदी जा रही थी। हादसे वाली बिल्डिंग के पड़ोस में एक मकान की नींव खोदे जाने के दौरान यह हादसा हो गया। नींव खुदाई के दौरान पड़ोस में किराणा स्टोर वाली बिल्डिंग यकायक ढह गई। building collapse in jodhpur

    जोधपुर शहर में पत्थर से बनी इस बिल्डिंग के ढह जाने से अचानक कोहराम मच गया। ढहने से बच गए बिल्डिंग के ऊपरी हिस्से से सकुशल बाहर निकली एक महिला ने बताया कि दुकान में पांच जने थे। शुरू में ऐसी आशंका जताई जा रही थी कि करीब एक दर्जन लोग मलबे में दबे हुए है। इस बिल्डिंग के मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका निर्मूल साबित हुई।

    Read More: महिलाओं के लिए राहत: राजस्थान सरकार ने 730 दिनों की बाल देखभाल छुट्टी की घोषणा की

    जिला प्रशासन ने त्वरित गति से राहत कार्य चला तीन जनों को सकुशल बाहर निकाल लिया। इसके बाद कुछ और लोगों के दबे होने की आशंका में सारा मलबा हटाया गया, लेकिन वहां कोई नहीं मिला। building collapse in jodhpur

    हार्ट बीट सेंसर का कमाल, मलबे में दबे लोगों के बारे में इसी यंत्र से पता चला building collapse in jodhpur

    तीन घंटे तक चले बचाव कार्य में पहली बार ऐसा चमत्कार हुआ कि तीन जिंदगियां मौत को मात देकर मलबे से सुरक्षिक बाहर निकल आईं। इसमें बड़ी भूमिका हार्ट बीट सेंसर यंत्र ने निभाई। एसडीआरएफ के पास हार्ट बीट सेंसर मापने का एक उपकरण था। उल्लेखनीय है कि यह यंत्र मलबे में फंसे किसी भी व्यक्ति के दिल की धड़कन को भांप लेता है और तीर से इंगित करता है कि मलबे में कोई भी व्यक्ति कहां फंसा हुआ है। building collapse in jodhpur

    जोधपुर हादसे में इसी यंत्र की मदद से ही मलबे में दबे दो लोगों के बारे में पता चला। दो जनों को बाहर निकालने के बाद एक युवा अंदर बचा था। वो हाथ हिलाकर व चिल्लाकर खुद को बाहर निकालने का आग्रह कर रहा था। उसके ऊपर पत्थर के भारी भरकम पाट टिके हुए थे। पास ही काउंटर होने से बाहर निकालने में परेशानी हो रही थी। काउंटर को कटर मशीन से काटकर जगह भी बनाई गई।

    एसडीआरएफ का एक जवान उसे बचाने के लिए अंदर उतरा और माधव को कंधे पर बिठाकर बाहर लाया। एसडीआरएफ की मदद से तीन जिंदगियां बच गई तो उपस्थित लोगों ने रेस्क्यू टीम का तालियां बजाकर हौंसला बढ़ाया। इसके बाद मलबे में और लोगों के दबे होने की आशंका को दूर करने के लिए एसडीआएफ की टीम ने साउंड वेव यंत्र से जांच की और इमारत के असुरक्षित हिस्से को ढहाया।

    जिला कलक्टर के आदेश पर बचावकर्मी तुरंत पहुंच गए घटनास्थल पर

    उप नियंत्रक (नागरिक सुरक्षा) रामदीन चौधरी ने बताया कि जिला कलक्टर के आदेश पर आठ रेस्क्यू टीम के तुरंत घटनास्थल पहुंच गए। फिर दो दर्जन और रेस्क्यू टीम के सदस्यों को बुलाया गया। प्रशिक्षित सदस्य महेन्द्र जाणी व राकेश चौधरी के साथ अन्य स्वयं सेवकों ने आधे घंटे के भीतर संजय जैन को बाहर निकाल लिया। कुछ देर बाद अन्य दोनों को भी निकाला गया।

    नगर निगम के सहायक अग्निशमन अधिकारी नितीश भारद्वाज के नेतृत्व में दमकल कर्मियों ने भी राहत कार्य में सहयोग किया। इस हादसे की सूचना मिलते ही जिला कलक्टर, पुलिस कमिश्नर, महापौर सहित सभी आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए। सभी ने मिलकर बचाव कार्य को त्वरित गति के साथ संचालित किया। यही कारण रहा कि इतने बड़े हादसे के बावजूद तीन जनों को जिंदा निकाल लिया गया। building collapse in jodhpur

    RESPONSES

    Please enter your comment!
    Please enter your name here