भामाशाह योजना से सशक्त हुई राजस्थान की महिला, अब घर में लेन-देन की जिम्मेदारी संभाल रही हैं परिवार की मुखिया

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Vasundhara Raje wid woman

एक बेहतर समाज निर्माण के लिए नारी को सशक्त और आत्म निर्भर बनाने की आवश्यकता होती हैं। क्योंकि नारी के सश्क्तीकरण से ही समाज के सशक्तीकरण की परिकल्पना की जा सकती हैं। महिलाओं के सशक्तीकरण, वित्तिय समावेशन एवं राजकीय सेवाओं के लाभ के प्रभावी वितरण हेतु, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के लिए देश में सबसे पहले साल 2008 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राजस्थान में मुख्यमंत्री भामाशाह योजना लागू की थी।

मुख्यमंत्री भामाशाह योजना के अन्तर्गत राज्य में 2008-09 में गरीब, लघु एवं सीमांत किसान परिवारों के वित्तीय सशक्तीकरण एव नारी समृद्धी योजना के सीधे लाभ हस्तांतरण प्रारंभ किए गये।  वर्ष 2009 में राजस्थान में सरकार बदलने के साथ ही योजना को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। कांग्रेस की गहलोत सरकार द्वारा राजस्थान के उत्थान के लिए शुरू की गई महत्वकांक्षी योजना को आगे क्रियान्विति नही की गई। प्रदेश की स्थितियां एक बार फिर बदली, राजस्थान में 2013 के विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री राजे के नेतृत्व में हुए। जनता ने एक बार फिर राजस्थान में भाजपा को प्रचंड़ बहुमत प्रदान किया। 15 अगस्त 2014 को देश के 68वें स्वतंत्रा दिवस पर भामाशाह योजना को फिर से शुरू किया गया।

राजस्थान में भामाशाह योजना की आवश्यकता

तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने दूरदर्शी विजन से राजस्थान को महिला प्रधान व कैशलेस की धारणा प्रदान कर विकसित राज्यों की श्रेणी में खड़ा करना चाहती थी।
1- वित्तीय समावेशन- राजस्थान के सभी परिवारों के नाम से एक बैंक खाता सुनिश्चित करना।

2- यह बैंक खाते में महिलाओं के नाम से हो, जिससे महिलाएं ही यह तय करें की परिवार के वास्तविक खर्च के लिए किन-किन सामग्री की आवश्यकता हैं और उस हिसाब से वे खर्च तय कर सके।

3- राज्य एवं केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ सीधे ही महिलाओं के इन बैंक खातो में जमा करवाया जा सके ताकि लाभार्थी को लाभ सीधा एवं शीघ्र मिल सके।

  1. समान डाटाबेस- विभिन्न विभागों द्वारा समय समय पर सर्वे करवाया जाता हैं, जिससे सभी परिवारों की जानकारी मिल जाती हैं। भामाशाह योजना से एक परिवार की समग्र जानकारी लेने के बाद उसका डाटाबेस बनाया जाता हैं जिससे भविष्य में बार बार सर्वे करने की आवश्यकता नही होती ।
  2. संसाधनों के पूर्ण उपयोग- सरकारी योजनाओं के लाभ विभिन्न प्रक्रियाओं से लाभार्थी को प्रदान की जाती हैं जिससे सरकारी धन व मानव संसाधन का उपयोग सही नहो होता पाता, भामाशाह से यह समस्या हल हो जाती हैं।
  3. 6. परिवार पहचाना की आवश्यकता – भामाशाह योजना से पहले प्रदेशवासियों के पार परिवार का कोई पहचान दस्तावेज नही था, इस योजना में नामांकित परिवार को फोटो व अन्य जानकारियों सहित परिवार कार्ड दिया गया हैं।

मुख्यमंत्री भामाशाह योजना से लाभ

राजस्थान में भामाशाय योजना लागू करने के दिन से ही इसमें राज्य सरकार को क्रांतिकारी सफलता मिही हैं। महिला सश्क्तीकरण एवं स्वावलंबन को बढ़ावा देना, योजनाओं के रिसाव पर प्रभावी नियंत्रण, योजनाओं की डुप्लीकेसी खत्म करना और आय के  आधार पर पात्र लोगों की स्वत छंटनी होने जैसे लाभ मिल रहे हैं।

बिना किसी विलंब के भुगतान- भामाशाह योजना के तहत मिलने वाला लाभ बिना किसा देर के लाभार्थी तक पहुंचता हैं। इससे मिलने वाले सभी नकद और गैर नकद लाभ बिना किसी विलंब और परेशानी के पूर्ण पारदर्शिता के साथ मिलते हैं।

सभी लाभ घर पर ही उपलब्ध- भामाशाह योजना का लाभ आम जन तक पहुंचाने के लिए राज्य में संचालित 40 हजार से ज्यादा ई-मित्र केंद्रों की स्थापना की हैं। इन केंद्रों से आप भामाशाह जैसी कई योजनाओं का लाभ घर बैठे प्राप्त कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री भामाशाह योजना के  तहत मिला लाभ

भामाशाह योजना के तहत राज्य की सभी पेंशन योजनाओं का भुगतान, राशन वितरण, राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी, बीपीएल परिवारों, जननी सुरक्षा योजान, शुभ लक्ष्मी  योजना, मुख्यमंत्री राजश्री योजना, भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना और पालनहार योजना के लिए भी पात्र परिवारों को भुगतान किया जाता हैं। भामाशाह योजना में अब तक 1,38,93,511 परिवारों के 5,02,36, 486 सदस्यों को लाभ मिला हैं। इन परिवारों को भामाशाह योजना के तहत अब तक 18,22,00,404 के लेन देन के जरिए  64,41,07,15,788  रुपए का लाभ पहुंचाया जा चुका हैं।

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