विरोधी ताकतों से बच कर रहे राजस्थान के किसान, किसानों की खुशहाली के साथ हो रहा है राजस्थान का विकास

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मध्यप्रदेश के किसानों के आंदोलन की राह पर चलने के बाद राजस्थान में भी विरोधी ताकतों ने किसानों को उकसाना शुरू कर दिया है। मंदसौर में किसानों के बीच कांग्रेस हिंसा फैला रहे है। राजस्थान में किसानों को शांतिपूर्वक जीवन देने और फसलों से संबंधित समस्याओं का समाधान करने के लिए मुख्यमंत्री राजे हमेशा तत्पर रहती है। मुख्यमंत्री राजे ने अभी तक राजस्थान में इस तरह का वातावरण उत्पन्न नही होने दिया जिससे यहां के किसानों को आंदोलन या फिर सरकार विरोधी गतिविधियों का अपनाएं। मुख्यमंत्री राजे ने यहां के किसानों को अपार संभावनाएं प्रदान करवाई है जिससे किसान शांति और खुशहाल जीवन जी रहे है। किसानों पर आने वाली मुसिबतों के लिए मुख्यमंत्री राजे हमेशा तैयार रहती है। एक समय ऐसा था जब राजस्थान में बिजली कि भारी किल्लत थी, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने राजस्थान पर बिजली कंपनियां का भारी कर्ज छोड़ दिया था लेकिन मुख्यमंत्री राजे ने किसानों के दर्द को समझते हुए प्रदेश में बढ़े हुए बिजली के दाम अपनी जिम्मेदारी पर कम करवाएं। मुख्यमंत्री राजे चाहती है कि राजस्थान विकास करें लेकिन किसानों की खुशहाली के साथ। राजे के इसी विजन से आज राजस्थान के किसान दिनों दिन तरक्की की और अग्रसर है और राजस्थान देश का सबसे अग्रणी राज्यों में शुमार है।

11 लाख किसानों को दी थी राज्य सरकार ने राहत

राजस्थान सरकार ने प्रदेश के 11 लाख किसानों को बड़ी राहत देते हुए कृषि कनेक्शनों पर 25 पैसे प्रति यूनिट बढ़ी हुई दर वापस लेने का ऐलान किया था। प्रदेश में विद्युत उत्पादन और दरों सहित विभिन्न मुद्दों पर चले मंथन के बाद आखिर सरकार ने ये फैसला लिया था। मुख्यमंत्री राजे प्रदेश के किसानों पर सरकार की और से कोई अतिरिक्त भार नही देना चाहती थी ऐसे में राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला करते हुए बिजली डिस्कॉम्स को 500 करोड़ को भुगतान कर रही हैं और बढ़ी हुई दरों को वापस लिया हैं।

2016 में नियामक आयोग ने बढ़ाई थी बिजली की दरें

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि बिजली की दरें बढ़ाने के लिए नियामक आयोग में प्रतिवर्ष याचिका लगाई जाती हैं। पिछले दो साल में नियामक आयोग द्वारा बढ़ाई गई दरों का भार राज्य सरकार ने लिया था और किसानों से पहले की दरों पर ही भुगतान लिया गया था। सितंबर 2016 में भी नियामक आयोग ने बिजली की दरें 25 पैसे प्रति यूनिट बढ़ाई थी।

सामान्य श्रेणी के किसानों को भी मिला यह लाभ

राज्य सरकार ने सामन्य श्रेणी के किसानों को लाभ पहुंचाते हुए यह फैसला किया था कि मीटर एवं फ्लैट के काश्तकारों से बढ़ी हुई दरें वापस ली जाती हैं। अब मीटर पर 1.15 के साथ पर 90 पैसे प्रति यूनिट और प्लैट रेट के काश्तकारों से 120 रुपए के स्थान पर 85 रुपए एच,पी ही देय होगा।

जिला स्तर पर भी हो रहा है कृषि कनेक्शन स्थानन्तरित, वी.सी. आर. में राहत

पहले कृषि कनेक्शनों का स्थानांतरण पंचायत समिती स्तर पर ही होता था लेकिन अब कृषि कनेक्शनों को स्थानानंतरण जिला स्तर पर आसानी से किया जा रहा है। वहीं किसानों के लिये सिविल लाइबिलिटी के अलावा समझौता राशि को पहेल से कम किया गया हैं। कृषि उपभोक्ताओं के लिये सिविल लाईबिलिटी की अधिकतम अवधि 4 माह से घटा कर मात्र 2 महीने की गई हैं साथ ही समझौता राशि की दर को भी 2000 रूपये प्रति एच.पी. से घटाकर 1000 रूपये प्रति एच.पी. कर दिया गया है। वीसीआर की शिकायतों की सुनवाई के लिए जिला स्तर पर मॉनिटरिंग कमेटी बनाई जिससे शिकायत मिलने के 15 दिन में ही निस्तारण किया जा रहा है।

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