लाखों लोगों के अराध्य आसाराम जिन्हें उनके भक्त अपना आराध्य और भगवान मानते हैं, उनकी दुआएं भी आसाराम को बचा न सकीं। जोधपुर कोर्ट ने आसाराम को आसाराम को पाॅस्को अधिनियम के तहत नाबालिग से दुराचार करने के मामले में जस्टिस मधुसूदन शर्मा की बैंच ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। Asaram
जोधपुर सेंट्रल जेल में पिछले 4 साल 7 माह और 24 दिन से बंद आसाराम की पहचान अब बंदी से बदलकर मुजरिम हो चुकी है। आसाराम को बैरक पुराना वाला बैरक नंबर 2 मिला है। साथ ही मिला है एक नया नाम-कैदी नंबर 130 … Asaram
ध्यान दें कि सलमान खान को इसी सेंट्रल जेल में बैरक नंबर 1 दिया गया था और वह आसाराम के पड़ौसी थे। अब चूंकि आसाराम अपराधी साबित हो चुका है, ऐसे में उसे आश्रम से आने वाला खाना भी नसीब न हो सकेगा। अब जेल की रोटी और जेल का पानी ही आसाराम को मिलेगा। साथ ही कपड़े भी अन्य कैदियों वाले ही मिलेंगे। Asaram
आसाराम अब बनेगा माली, पेड़-पौधों को पानी पिलाने का मिलेगा काम
जेल में बंद आसाराम को लाचार बुजुर्ग श्रेणी में पेड़-पौधों को पानी पिलाने का यानि माली का काम दिया जाएगा। चूंकि आसाराम की आयु 81 साल हो चुकी है। ऐसे में सरकार के नियमानुसार उससे श्रम नहीं कराया जा सकता। ऐसे में अब आसाराम को जेल में पेड़-पौधों को पानी पिलाने का काम ही दिया जा सकता है। Asaram
दूसरी ओर, आसाराम के शाहजहांपुर स्थित गुरूकुल के संचालक शरदचंद्र को जेल में कैदी नंबर 129 और महिला जेल में भेजी गई शिल्पा को कैदी नंबर 76 के नाम से जाना जाएगा। शरदचंद्र को जेल में आसाराम का सेवक बनाया जा सकता है। इनका कहना है Asaram
डीआईजी-जेल विक्रमसिंह कर्णावत ने बताया, चूंकि आसाराम अब सजायाफ्ता कैदी के रूप में है, इसलिए उसे आश्रम से आने वाला खाना नहीं मिलेगा। आसाराम को भी अन्य मुजरिमों की तरह ही जेल का खाना खाना होगा। हालांकि आसाराम आमतौर पर रात का खाना नहीं खाता लेकिन दूध ही पीता है। इसलिए वह जेल से दूध ले सकेगा। Asaram