उदयपुर में चल रही सेना भर्ती में हिस्सा नही ले पाए युवाओं को एक बार और मौका मिलेगा। भर्ती में असफल रहे अभ्यर्थी या वे युवा जो किसी कारण वश भर्ती में हिस्सा नहीं ले सके, उन्हें इस साल एक और मौका मिलेगा। जुलाई में नागौर में सेना भर्ती रैली होगी, वहां के युवाओं को भी एक साल में दो बार परीक्षा में बैठने का मौका मिल सकेगा। सामान्यत: एक साल में एक जिले में युवाओं को सेना भर्ती का एक ही बार मौका मिलता है।
दौड़ से पहले होगी ऑनलाइन परीक्षा
भारतीय सेना के महानिदेशक (भर्ती) मेजर जनरल जेके मारवाल ने बताया कि अब दौड़ और शारीरिक दक्षता परीक्षा से पहले ऑनलाइन लिखित परीक्षा होगी। इसका पायलट प्रोजेक्ट सर्वप्रथम जयपुर जोन, अंबाला जोन और चेन्नई जोन में लागू किया जा रहा है। हालांकि, उन्होंने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया में अभी और समय लगेगा, लेकिन साल के अंत में जयपुर में होने वाली सेना भर्ती प्रक्रिया तक इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा। एक भर्ती रैली अभी चल रही है, पायलट प्रोजेक्ट के चलते इस वर्ष एक और भर्ती रैली होगी। उन्होंने कहा कि सेना सभी अभ्यर्थियों को समान अवसर देने में विश्वास रखती है और भर्ती प्रक्रिया इसीलिए पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी बनाई गई है। अगर अभ्यर्थी भर्ती के मानदंडों में फिट होगा तो ही चयनित हो सकेगा।
अभ्यर्थियों की हौसलाअफजाई की, बेस्ट अभ्यर्थियों का होगा चयन
अपने प्रवास के दौरान जनरल मारवाल ने अभ्यर्थियों से भी मुलाकात की और उनका हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने आए युवाओं में देश की सेवा करने का काफी जज्बा है और यह हमारे लिए बड़े गौरव की बात है। मारवाल ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया पूर्ण रूप से निष्पक्ष और पारदर्शिता पूर्वक सम्पन्न हो, इसके लिए पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं। सेना में बेस्ट अभ्यर्थियों का चयन हो इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
नक्सलग्रस्त इलाकों में भी इसी तरह होती है सेना भर्ती
मारवाल ने बताया कि देश के नक्सलग्रस्त इलाकों में भी इसी तरह से भर्ती प्रकिया को सम्पन्न कराया जाता है और बड़ी संख्या में वहां के युवा सेना में भर्ती होने के लिए आते हैं। अन्य राज्यों की तर्ज पर ही उन संवेदनशील इलाकों में भी इसी प्रारूप से भर्ती प्रक्रिया को सम्पन्न किया जाता है।