जयपुर। प्रदेश के अलवर के थानागाजी थाना इलाके में करीब सवा साल पहले हुये बहुचर्चित गैंगरेप केस में एससी-एसटी कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट में सभी पांचों आरोपियों को दोषी करार दिया है। एससी-एसटी कोर्ट के जज बृजेश कुमार ने यह फैसला सुनाया है। कोर्ट में सजा के बिंदु पर बहस पूरी होने के बाद चार दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इनमें दोषी हंसराज को अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई गई है। जबकि पांचवें दोषी मुकेश को 5 साल की सजा सुनाई गई है। फैसले को देखते हुये कोर्ट परिसर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजामात किये गये हैं।
यह घटना कृष्ण काल में द्रोपदी के चीर हरण के समान
कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि यह घटना कृष्ण काल मे द्रोपदी के चीर हरण के समान है। दंड ऐसा होना चाहिये जिससे दुष्कर्म की घटनाओं की अमर बेल को काटा जा सके। मामले में अभियोजन पक्ष द्वारा विशिष्ठ लोक अभियोजक कुलदीप जैन तथा आरोपियों की ओर से एडवोकेट भूपसिंह पोसवाल, भूपेंद्र खटाणा व महेश गोठवाल की ओर से पैरवी की गई। एएसआई अजय शर्मा ने बताया कि इस घटना की रिपोर्ट 2 मई 2019 को दर्ज होने के 16 दिनों बाद ही 18 मई को पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ ही अदालत में चालान पेश कर दिया था।
ये था मामला
आपको बता दें कि यह घटना 26 अप्रैल, 2019 की है। थानागाजी के रहने वाले एक दंपति बाइक पर जा रहे थे। तभी पांच युवकों ने उनका पीछा करके उन्हें रोक लिया। इसके बाद वह उन्हें जबरन जंगल ले गए। वहां महिला के साथ पति के सामने सामूहिक दुष्कर्म किया। आरोपियों ने इसका वीडियो भी बनाया। इस मामले में 2 मई को एफआईआर दर्ज हुई। बताया जाता है कि पीड़ित थाने गए थे, लेकिन पुलिस ने चुनाव में व्यस्त होने की बात कहकर मुकदमा नहीं लिखा। बाद में घटना का वीडियो वायरल होने के बाद मामले ने तूल पकड़ा।