मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राजस्थान को रिफाइनरी के साथ ही एक और बड़ी सौगात देने जा रही है। अब प्रदेश में रिफाइनरी के साथ ही झालावाड़ में एयरक्राफ्ट मेंटिनेंस एंड़ रिपेयरिंग सेंटर बनने जा रहा है। राजस्थान में एचपीसीएल के साथ रिफाइनरी के लिए हुए एमओयू के बाद वसुंधरा राजे सरकार की यह बड़ी सफलता मानी जा रही है। इसके लिए आए प्रस्ताव पर राजस्थान सरकार ने प्रारंभिक सहमति प्रदान कर दी है।
झालावाड़ में बनेगा एमआरओ हब
राजस्थान सरकार के उद्योग विभाग में इस संबंध में फाइल सरपट दौड़ रही है। राजस्थान का एविएशन विभाग एक निजी कंपनी के साथ इस संबंध में एमओयू हुआ है, जिसके तहत मेंटिनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल (एमआरओ) हब राजस्थान के झालावाड़ में बनेगा।
पर्यटन, रोजगार और राजस्व को मिलेगा एक नया प्लेटफॉर्म
झालावाड़ में एमआरओ बनने से न केवल राजस्थान बल्कि देशभर के एयरक्राफ्ट रखरखाव और सर्विस के लिए आएंगे। इससे न केवल वैट और स्थानीय करों से राजस्व आय बढ़ेगी साथ ही रोजगार संभावनाओं में भी इजाफा तय है। यहां तक की आईटीआई का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे युवाओं को भी यहां जॉब अवसर उपलब्ध होंगे। एयरक्राफ्ट का फ्यूल पर होने वाले खर्च के बाद सबसे बड़ी व्यय रख रखाव पर है, जो कि कुल लगात का 13 से 15 प्रतिशत है। भारत में यह इंडस्ट्री संभावनाओं के बावजूद सिमटी हुई है।
मुख्यमंत्री राजे के दूरदर्शी विजन का मिला लाभ
झालावाड़ में प्रस्तावित एमआरओ हब के जरिए ना केवल नई तकनीक और संसाधनों का इस्तेमाल होगा, साथ ही एयरक्राफ्ट विदेश की बजाय यहां पर हैवी रिपेयर और मेटिनेंस करवाना सस्ता पड़ेगा। एमआरओ स्थापना का सीधा लाभ पर्यटन सेक्टर को भी होगा। राजस्थान में निवेश का माहौल पैदा करने में भी एविएशन क्षेत्र का नया एमओयू अहम योगदान देगा।