प्रशासन की लापरवाही से श्रीगंगानगर में बंद हुई इंदिरा रसोई, जनता को राजे सरकार की आई याद

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    जयपुर। अशोक गहलोत सरकार ने जरूरतमंद लोगों के लिए संचालित की गई इंदिरा रसोई को अब प्रदेश के श्रीगंगानगर में बंद कर दिया गया है। श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय की दो इंदिरा रसोई और सूरतगढ़ की इंदिरा रसोई में ताले लग गए हैं। सूरतगढ़ में चार महीने पहले जोर-शोर से शुरू की गई इंदिरा रसोई पर अब ताला लटका हुआ नजर आता है।

    भोजन के लिए भटक रहे हैं लोग
    इस कारण जरूरतमंदों को भोजन के लिए भटकना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार 20 अगस्त से सूरतगढ़ के नए बस स्टैंड की ऊपरी मंजिल पर शुरू हुई इंदिरा रसोई में आठ रुपये में पौष्टिक भोजन मिलता था। यहां पर प्रतिदिन करीब ढाई सौ लोग खाना खाते थे, लेकिन अनुबंधित ट्रस्ट की ओर से रसोई घर में कार्यरत कर्मचारियों को 1 माह का भुगतान नहीं करने पर सभी कर्मचारी यहां से काम छोड़कर चले गये, जिसके चलते रसोई घर की सुविधा आमजन के लिए बंद करनी पड़ी।

    बकाया वेतन का नहीं हुआ भुगतान
    रसोईघर के मैनेजर रणजीत सिंह ने बताया कि रसोईघर में 7 कर्मचारी कार्यरत हैं, लेकिन बकाया वेतन का भुगतान नहीं होने की वजह से कर्मचारी कार्य नहीं कर रहे हैं। लिहाजा यहां पर ताला लग चुका है। दूसरी ओर नगर पालिका का कहना है कि इस संबंध में जिला प्रशासन को अवगत कराया जा चुका है, जिनके निर्देशन के बाद ही इसका शीघ्र संचालन शुरू किया जाएगा।

    जनता को राजे सरकार की आई याद
    स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले वसुंधरा राजे के समय अन्नपूर्णा रसोई सही चल रही थी। आम लोगों से समय पर और अच्छा खाना मिल रहा था। मौजूदा सरकार को कोसते हुए कहा कि अशोक गहलोत ने अपने राज में एक नई योजना नहीं लॉन्च की गई। बीजेपी के शासन काल में जो अच्छी योजनाएं चल रही थी उनका नाम बदलकर उनको भी सुचारू रूप से नहीं चला पा रहे है।

     

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