देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई नोटबंदी को लेकर विपक्ष भले ही संसद में सरकार को घेरने की कोशिश करें लेकिन वास्तविकता में अगर देखा जाए तो पीएम मोदी ने एक तीर से 15 निशाने लगाए हैं और देश में वो बदलाव किए है जो आजतक कोई भी सरकार नही कर पायी। हम आपकों प्रधानमंत्री द्वारा किए गये इन बदलावों के बारे में बताने जा रहे हैं जो देश में नोटबंदी से आए हैं।
- काले धन पर पूर्णतया लगाम
नोटबंदी से काले धन की समस्या एक झटके में समाप्त हुई हैं। दीवारों, बेड, बोरियों में भरे-भरे ही मस्त काला धन अपने आप ही रद्दी हो गया। कोई छापा नहीं मारना पड़ा और ना ही कोई पूछताछ करनी पड़ी। एक बार इतना तगड़ा झटका लगने के बाद भविष्य में भी दशकों तक लोग काला धन जमा करने की सोचेंगे भी नहीं |
- सोने के आयात में आई भारी गिरावट
भारत विश्व में सोने का सबसे बड़ा आयातक है। काले धन को छुपाने के लिए लोग सोना खरीदते थे लेकिन अब काला धन ही नहीं बचा तो सोने को खरीदने का मूल उद्देश्य ही समाप्त हो जायेगा। सोने का आयात घटने से भारत के कुल आयात बिल में भारी कमी आएगी।
- रूपये की कीमत में उछाल
आयात बिल घटने से विदेशी मुद्रा के विनिमय में रूपये की कीमत में जबरदस्त उछाल आया हैं। रूपया अब अमेरिकन डॉलर के मुकाबले मजबूत स्थिती में आया हैं।
- सबको मिलेंगे अब सस्ते घर
काला धन खपाने का दूसरा सबसे बड़ा ठिकाना जमीन-जायदाद थी। अब काला धन ही नहीं बचा तो जमीन-जायदाद को खरीदने का उद्देश्य ही समाप्त हो जायेगा। अब लोग केवल अपने रहने के लिए ही घर खरीदेंगे। जिससे सभी को रहने को कम कीमत पर घर उपलब्ध होंगे।
- काला बाजारी और जमाखोरी पर लगेगी पाबंदी
काला बाजारी और जमाखोरी के लिए साधारणतया काला धन ही उपयोग होता था। अब काला धन ही नहीं बचा तो लोग काला बाजारी और जमाखोरी के लिए धन कहाँ से लायेंगे ?
- स्वच्छ धन की कीमत में बढ़ोतरी
काले धन वालों की खरीदने की क्षमता बहुत कम हो जाएगी। जिससे स्वच्छ धन वालों की खरीद क्षमता अपने आप बढ़ जाएगी। इससे देश में चल रही फेक करंसी खत्म होगी और अमीर गरीब के तबके में भी भारी समानता देखने को मिलेगी। काले धन की अनुपस्थिति में स्वच्छ तरीके से धन कमाने वालों के धन की कीमत अपने आप बढ़ गई है। काले धन के दम पर झूठी शान दिखाने वाले लोग अब अपने कुकर्मों को रो रहे होंगे।
- महंगाई में भारी कमी
सस्ता सोना, सस्ता घर, मजबूत रूपये और काले धन वालों की घटी हुई खरीद क्षमता के चलते महंगाई में अपने आप भारी कमी आएगी। इससे आयात की जाने वाली वस्तुएं जैसे पेट्रोल गैस आदि भी सस्ते होंगे। काला बाजारी और जमाखोरी खत्म होने से बाजार में भरपूर माल उपलब्ध होगा। जिससे महंगाई और घटेगी।
- नकली नोटों की समस्या से निजात
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बताया की देश की 86 फीसदी मुद्रा 1000-500 के नोटों से है लेकिन इनके बंद होने से नकली नोटों का काम बिल्कुल बंद हो गया। नकली नोटों के अंतिम शिकार ज्यादातर गरीब लोग होते थे। आम लोग सब्जीवाले, रिक्शेवाले, पटरी वाले को नकली नोट थमा देते थे और वे बेचारे लुट जाते थे। उनके अलावा भी आम जनता भी इसकी शिकार थी। अब नकली नोटों के सौदागर खुद ही बर्बाद हो गये। न जनता इन नोटों को लेगी और न ही बैंक।
- आतंकी नेटवर्क का सत्यानाश
आतंक का सारा खेल ही काले धन और नकली नोटों पर चलता था। पाकिस्तान नकली नोटों की मोटी खेपें भारत की अर्थव्यवस्था की बर्बाद करने और आतंकियों की तनख्वाह देने के लिए भेजता था।
अब आतंकियों के पास हथियार खरीदने के लिए भी धन नहीं होगा। क्योंकि जो काला और नकली धन उनके पास जमा है वो सब कूड़ा हो चुका हैं।
- वाला कारोबारियों का निकला दिवाला
लोगों के खरबों रूपये रोज इधर से उधर भेजने वाले हवाला कारोबारियों का अब घऱ बैठे बैठे दिवाला निकल गया। जो पुराने नोट लिए वो तो रद्दी हो गये है अब नये नोट कहाँ से डिलीवर करेंगे ?
- सट्टा बाजार का बैठा भट्टा
करोड़ों रूपये का सट्टा कारोबार करने वाले भी अब बर्बाद हो चुके हैं। जो लोग सट्टे में हारे वो पुराने नोट दे नहीं सकते और जो जीते वो पुराने नोट ले नहीं सकते।इससे आपराधिक गतिविधियों में भी गिरावट आई हैं।
- बिल काटकर ही करना होगा अब व्यापार
जब काला धन नहीं होगा तो दुकानदारों को बिल काट कर ही अपना सामान बेचना पड़ेगा। साथ ही क्रेताओं को भी टैक्स चुका कर ही सामान खरीदना होगा। अवैध कारोबार पर लगेगी लगाम।
- रिश्वत खोरी पर लगा अंकुश
भ्रष्टाचार को खत्म करने की प्रधानमंत्री मोदी की कोशिश रंग ला रही हैं। रिश्वत खोरों पर तो पुराने नोटों का बंद होना किसी अज़ाब की तरह टूटा है। करोड़ों के रद्दी नोट जो भरे पड़े हैं उन्हीं का कुछ निपटान हो तो आगे रिश्वत लेने की सोचेंगे।
- अधिक टैक्स एकत्रीकरण
अधिक टैक्स इकठ्ठा होने से देश की रक्षा और विकास जरूरतें तेजी से पूरी हो सकेंगी। महंगाई कम होने से सब्सिडी का बोझ भी कम होगा। यह सब धन देश के विकास और युवा शक्ति के उत्थान में लगेगा ।
- स्वस्थ चुनाव होने से देश की राजनीति होगी स्वस्थ
काले धन की अनुपलब्धता से चुनावों में बेतहाशा खर्च करना कम हो जाएगा। साथ ही गरीब वोटरों को पैसा और शराब से ललचाने का काम भी बंद होगा। स्वस्थ चुनाव से अच्छे उम्मीदवारों के जीतने की सम्भावना बढ़ेगी।